अकाउंट होल्डर की मृत्यु हो जाए और बैंक में नॉमिनी का नाम नहीं है, किसे मिलेंगे खाते में जमा सारे पैसे?
बैंक खाते, डीमैट खाते या किसी भी अन्य वित्तीय खातों के लिए नॉमिनी बनाना बहुत जरूरी है। आपने भी देखा होगा कि जब आप किसी बैंक में खाता खुलवाने के लिए गए होंगे, तो बैंक के कर्मचारी ने आपसे नॉमिनी बनाने के लिए कहा होगा। बैंक खाते में नॉमिनी का नाम, खाताधारक के साथ संबंध, उम्र, पता आदि जानकारी ली जाती है। सबसे पहले हम ये जानेंगे कि बैंक खातों के लिए नॉमिनी बनाना इतना जरूरी क्यों हैं, इसके बाद हम ये भी जानेंगे कि अगर किसी व्यक्ति के बैंक खाते के लिए नॉमिनी नहीं बनाया गया है तो उसकी मृत्यु के बाद उसके खाते में जमा पैसे किसे दिए जाएंगे?
खाताधारक की मृत्यु होने पर नॉमिनी को दिए जाते हैं जमा पैसे
अगर किसी खाताधारक की मृत्यु हो जाती है तो उसके खाते में जमा सारे पैसे उसके द्वारा बनाए गए नॉमिनी को दे दी जाती है। अगर किसी व्यक्ति ने एक से ज्यादा नॉमिनी बनाए हैं तो उन सभी नॉमिनी को बराबर पैसे दिए जाते हैं। कई बैंक ऐसी सुविधा भी दे रहे हैं, जिसमें आप एक से ज्यादा नॉमिनी बना सकते हैं और ये भी मेंशन कर सकते हैं कि आपकी मृत्यु के बाद किस व्यक्ति को कितनी हिस्सेदारी दी जानी है।
उदाहरण से समझें नॉमिनी का महत्व
उदाहरण के लिए, अरविंद ने अपने बैंक खाते के लिए अपनी पत्नी, मां और बहन को नॉमिनी बनाया है। अगर अरविंद की किसी भी कारण मृत्यु हो जाती है तो उसके बैंक खाते में जमा सारे पैसे उसकी पत्नी, मां और बहन में बराबर बांट दी जाएगी। वहीं दूसरी ओर, करण ने भी अपने बैंक खाते के लिए 3 लोगों को नॉमिनी बनाया है। लेकिन करण ने नॉमिनी बनाते समय ये मेंशन किया है कि उसकी मृत्यु के बाद उसके खाते में जमा पैसों का 50 फीसदी पत्नी को और 25-25 फीसदी पैसे मां और बहन को दिए जाएं। ऐसे में अगर करण की मृत्यु होती है तो उसके खाते में जमा सारे पैसों का 50 फीसदी हिस्सा उसकी पत्नी को मिलेगा, जबकि 25-25 फीसदी पैसा उसकी मां और बहन को दिया जाएगा।
नॉमिनी न हो तो किसे मिलेंगे खाते में जमा पैसे
अगर किसी व्यक्ति ने अपने बैंक खाते के लिए किसी भी व्यक्ति को नॉमिनी नहीं बनाया है तो उसकी मृत्यु के बाद उसके खाते में जमा सारे पैसे उसके कानूनी उत्तराधिकारी को दिए जाएंगे। एक विवाहिक व्यक्ति के कानूनी उत्तराधिकारी उसकी पत्नी, बच्चे और माता-पिता होते हैं। अगर मृतक खाताधारक अविवाहित है तो उसके कानूनी उत्तराधिकारी के रूप में उसके माता-पिता, भाई-बहन दावा कर सकते हैं। बताते चलें कि नॉमिनी नहीं बनाए जाने की स्थिति में काफी कागजी कार्यवाही होती है।

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