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आज गूगल यानि 23 अगस्त 2022 को भारतीय मौसम विज्ञानी अन्ना मणि का 104 वा जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहा है। इसी के मौके पर आज हम भी आपको अन्ना मणि के जीवन के कुछ पहलूओं के बारे में बताएंगे। उससे पहले आपको ये बता दें कि, वो एक भारतीय भौतिक विज्ञानी के उप महानिदेशक के रूप में कार्यरत थी। उसी पोस्ट से वो रिटायर हुई थी। उन्होंने अपने जीवन में मौसम संबंधी उपकरण के क्षेत्र में कई अहम योगदान दिए हैं। जिससे ओजोन और पवन ऊर्जा माप प्रकाशित हुआ है। लेकिन आज हम उनके कुछ अहम पहलूओं के बारे में जानकारी देगे। जिसको जानना आपके लिए भी बेहद खास होगा।
अन्ना मणि साइंटिस्ट जीवन परिचय
नामअन्ना मणिजन्म23 अगस्त 1918जन्म स्थानपीरमाडे, केरलउम्र82 साल (मृत्यृ के समय)मृत्यृ की तारीख16 अगस्त 2001शिक्षाबी.एससी ऑनर्सकॉलेजपचैयप्पा कॉलेज ,मद्रास भारतीय विज्ञान संस्थान , बैंगलोर इंपीरियल कॉलेज, लंदननागरिकताभारतीयधर्मईसाईपेशाभौतिक विज्ञानी और मौसम विज्ञानीवैवाहिक स्थितिअविवाहित
अन्ना मणि का शुरूआती जीवन
अन्ना मणि का जन्म 23 अगस्त 1918 में केरल के पीरमाडे में एक ईसाई परिवार में हुआ। उनके पिता सिविल इंजीनियर थे। वह अपने परिवार की सातवें नंबर की संतान थी। उन्हें बचपन से ही पढ़ने-लिखने का काफी शौक था। लेकिन उनके परिवार में लड़कियों को पढ़ाया-लिखाया नहीं जाता था। बल्कि समय रहते उनकी शादी कर दी जाती थी।
अन्ना मणि की शिक्षा
अन्ना मणि शुरूआती दिनों में एक डांसर बनना चाहती थी। लेकिन परिवारवालों की ना पसंद के कारण उन्होंने डांस को छोड़कर भौतिक की दुनिया में कदम बढ़ाया। उन्होंने उसको अपना पसंदीदा विषय बना लिया। साल 1939 में उन्होंने चेन्नई के पचैयप्पा कॉलेज से भौतिकी और रसायन विज्ञान में बी.एससी ऑनर्स की डिग्री हासिल की। साल 1940 में उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर में शोध के लिए छात्रवृत्ति मिली। साल 1945 में वो भौतिकी में स्कॉलरशिप पाकर पढ़ाई करने के लिए लंदन चली गई।
अन्ना मणि का का करियर
अपनी डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने प्रो. सीवी रमन के साथ काम किया। जिसमें उन्होंने रूबी और हीरे के ऑप्टिकल गुणों पर शोध किया।उन्होंने अपने पांच शोध लिखे और अपना पीएचडी शोध प्रबंध किया। लेकिन इसके बाद भी उन्हें पीएचडी की डिग्री नहीं मिली। क्योंकि उन्होंने भौतिकी में मास्टर डिग्री हासिल नहीं की हुई थी।साल 1948 में भारत वापस लौटने के बाद वह पुणे पहुंची। जहां पर उन्होंने मौसम विभाग ज्वाइन किया।उन्होंने मौसम विभाग ज्वाइन करने के बाद सबसे ज्यादा ब्रिटेन आयातित मौलम संबंधी उपकरणों पर काम किया। साल 1953 तक वह 121 व्यक्तियों के साथ विभाग में कार्यरत रही।साल 1957-58 तक उन्होंने सौर विकिरण को मापने के लिए स्टेशनों के नेटवर्क तैयार किए।इसके बाद उन्होंने ओजोन को मापने के लिए एक उपकरण बनाया। उन्हें इंटरनेशनल ओजोन एसोसिएशन का सदस्य चुना गया।अन्ना मणि अपने कार्य में इतनी समर्पित थी कि उन्होंने शादी भी नहीं की। वह भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, अमेरिकी मौसम विज्ञान सोसायटी, अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा सोसायटी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO), मौसम विज्ञान और वायुमंडलीय भौतिकी के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ आदि संगठनों से जुड़ी।साल 1969 में उप महानिदेशक के रूप में उनकी पोस्टिंग दिल्ली कर दी गई। 1975 में उन्हें मिस्त्र में सलाहकार चुना गया। 1976 में वो उप महानिदेशक के पद से रिटायर हुई।
अन्ना मणि को सबसे ज्यादा क्या पसंद था
अन्ना मणि को हमेशा से ही किताबे पढ़ना काफी पसंद था। वह तरह-तरह की किताबें पढ़ा करती थी। जिसकी चर्चा हर कोई करता है।
अन्ना मणि का रिलेशनशिप
अन्ना मणि का कोई रिलेशनशिप नहीं है। वो हमेशा से ही अपने कार्य में बिजी रही। जिसके कारण उन्होंने शादी भी नहीं की।
अन्ना मणि के विवाद
अन्ना मणि अपने अच्छे और बेहतर काम के लिए जानी जाती है। वो कभी भी विवादों के घेरे में नहीं आई हैं।
अन्ना मणि का निधन
अन्ना मणि का निधन 16 अगस्त 2001 को तिरुवनंतपुरम दिल का दौरा पड़ने के दौरान हुआ।
अन्ना मणि की उपलब्धियां
विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने उन्हें 100 वीं जयंती पर याद कर उनकी जीवन प्रोफाइल को प्रकाशित किया।
23 अगस्त 2022 को गूगल ने मणि को उनकी जयंती पर सम्मानित किया।
अन्ना मणि के प्रकाशन
हेंडबूक ऑफ सोलर रेडिएशन डेटा फॉर इंडिया 1980सोलर रेडिएशन ओवर इंडिया 1981 प्रकाशित की।विंड एनर्जि रिसोर्स सर्वे इन इंडिया 1992
Faq
Q- अन्ना मणि का जन्म कब और कहां हुआ? Ans- अन्ना मणि का जन्म 23 अगस्त 1918 को पीरमाडे केरल में हुआ। Q- क्या अन्ना मणि की शादी हुई थी? Ans- अन्ना मणि की नहीं हुई थी शादी। Q- अन्ना मणि की मृत्यृ कब हुई? Ans- अन्ना मणि की मृत्यृ 16 अगस्त 2001 को हुई। Q- अन्ना मणि की मृत्यृ का क्या कारण रहा? Ans- अन्ना मणि की मृत्यृ हार्ट अटैक के कारण हुई। Q- अन्ना मणि को सबसे ज्यादा क्या पसंद था? Ans- अन्ना मणि को किताबे पढ़ना काफी पसंद है।

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