
नसीरुद्दीन शाह
नसीरुद्दीन शाह बॉलीवुड के सबसे उम्दा कलाकारों में गिने जाते हैं और उनके अभिनय की काफी तारीफ होती है। अपने अभिनय के दम पर फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान रखने वाले नसीरुद्दीन शाह ने ‘डर्टी पिक्चर’, ‘सरफ़रोश’, ‘मोहरा’, ‘मासूम’, ‘उमराव जान’ और ‘ए वेडनेसडे’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा बिखेरा, लेकिन जितना वह अपने अभिनय और करियर को लेकर चर्चा में रहे, निजी जिंदगी को लेकर भी उतनी ही सुर्खियां बटोरीं। नसीरुद्दीन शाह हर मुद्दे पर खुलकर राय रखने के लिए जाने जाते हैं, फिर चाहे वह फिल्मों से जुड़े मुद्दे हों, समाज से या फिर उनकी निजी जिंदगी, उन्होंने हर विषय पर खुलकर बात की। आज नसीरुद्दीन शाह अपना 75वां जन्मदिन मना रहे हैं, इस मौके पर आपको उनके निजी जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं।
नसीरुद्दीन शाह का जन्म
नसीरुद्दीन शाह का जन्म 20 जुलाई 1950 को उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में हुआ था। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से अपना ग्रैजुएशन कम्प्लीट किया, लेकिन वह हमेशा से अभिनय के क्षेत्र में जाना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने अभिनय के लिए नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन ले लिया। उनके लिए फिल्मों की दुनिया में कदम रखना आसान नहीं था, क्योंकि उनके अब्बा नहीं चाहते थे कि वह अभिनेता बनें। नसीरुद्दीन शाह के पिता उनके एक्टर बनने के फैसले के सख्त खिलाफ थे, लेकिन उन्होंने अपने पिता की बात ना मानकर अपने सपने को पूरा करना चुना।
पाकिस्तान चले गए दादा और चाचा
नसीरुद्दीन शाह के पिता का नाम अली मोहम्मद शाह था, जो तहसीलदार हुआ करते थे। तब भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारा हो रहा था, तब उनके दादा और चाचा ने पाकिस्तान जाना चुना। नसीरुद्दीन शाह के पिता अपने परिवार में इकलौते थे, जिन्होंने भारत में रहना चुना। नसीरुद्दीन शाह के पिता चाहते थे कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर अफसर बनें, लेकिन नसीर साहब का पढ़ाई में नहीं अभिनय में मन लगता था। उन्हें क्रिकेट, थिएटर और फिल्मों से जबरदस्त लगाव था। उनके पिता उनके नंबरों को लेकर खासे परेशान रहते थे। नसीर के दो बड़े भाई में से एक आर्मी में अफसर बन चुके थे और दूसरे इंजीनियर। ऐसे में उनके पिता चाहते थे कि वह भी अपने भाईयों की तरह कुछ बनें, लेकिन नसीरुद्दीन शाह का मन तो अभिनय में बसा था।
पिता से तोड़ लिया नाता
नसीरुद्दीन शाह ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लेने के लिए अपने पिता से दूरी बना ली। उनके इस फैसले में उनके भाईयों ने तो मदद की, लेकिन उनके पिता उनके इस फैसले से सख्त नाराज थे, जिसके चलते उनके पिता के साथ उनके रिश्तों में एक दूरी आ गई। नसीरुद्दीन शाह खुद अपने पिता के साथ अपने संबंधों का जिक्र कर चुके हैं और बता चुके हैं कि कैसे उनके पिता की सख्ती और सोच के चलते वह अपने पिता से दूर हो गए।
पिता की मैय्यत पर भी नहीं पहुंच सके थे नसीरुद्दीन शाह
जब नसीरुद्दीन शाह के पिता का निधन हुआ, वह उनकी मैय्यत पर नहीं पहुंच सके। लेकिन, फिर वह उनकी कब्र पर गए और घंटों बातें करते रहे। उनके दिल में जो भी बातें थीं, उन्होंने सब अपने पिता के कब्र पर बैठकर कीं। उन्हें लगा जैस कोई उन्हें सुन रहा है। नसीरुद्दीन शाह युवावस्था में अपने घर से भाग गए थे, जिसे लेकर आज भी उन्हें अपराधबोध होता है।

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