अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की अगले सप्ताह भारत यात्रा से पहले, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को इस यात्रा से ‘सकारात्मक परिणाम’ मिलने की उम्मीद जताई। वैष्णव ने दोनों पक्षों के व्यावहारिक दृष्टिकोण और निरंतर सहभागिता का हवाला देते हुए कहा कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में एक विश्वसनीय केंद्र के रूप में उभरा है। वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने वेंस की भारत यात्रा से जुड़े एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, “मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इसके बहुत सकारात्मक परिणाम होंगे, क्योंकि हमने इस मामले को बहुत ही व्यावहारिक और सक्रिय तरीके से लिया है और हम इसमें लगातार लगे हुए हैं।”
चीन से होगी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की डंपिंग?
वैष्णव ने कहा, “समय के साथ भारत एक बहुत ही विश्वसनीय देश के रूप में उभरा है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जिस प्रकार से विदेश नीति का संचालन किया है, उससे आज हमारे देश के प्रति जो विश्वास उत्पन्न हुआ है, वह हम सभी के लिए एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण कारक होने वाला है।” यह पूछे जाने पर कि क्या चीन के साथ चल रहे ट्रेड और टैरिफ वॉर को देखते हुए देश में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की डंपिंग होने की कोई आशंका है, मंत्री ने कहा कि “हमारा देश किसी भी स्थिति के लिए कमोबेश तैयार है।” हालांकि, उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए नोडल प्राधिकारी वाणिज्य मंत्रालय होगा।
क्या भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग पर पड़ेगा असर?
यह पूछे जाने पर कि क्या महत्वपूर्ण दुर्लभ मृदा खनिजों पर चीन के निर्यात प्रतिबंधों का भारतीय मैन्यूफैक्चरिंग पर कोई प्रभाव पड़ेगा, मंत्री ने कहा कि भारतीय उद्योग का मानना है कि वे विकल्प तलाशने में सक्षम होंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “अब तक उद्योग जगत के साथ हमारी जो भी चर्चा हुई है, उससे उद्योग जगत को लगता है कि वे इसके विकल्प तलाशने में सफल होंगे, क्योंकि कोविड महामारी के आने के बाद से ही पूरी दुनिया वैल्यू चेन्स में विविधता लाने की तैयारी कर रही है।” वैष्णव ने कहा, “उद्योग के लिए कोविड महामारी से सबसे बड़ी सीख यह थी कि विविध आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण की आवश्यकता है। इसलिए दुनिया उस दिशा में काम कर रही है।”

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