अमेरिका द्वारा चीन पर भारी टैरिफ का बोझ लादा गया है। हालांकि, इसका असर चीन की अर्थव्यवस्था पर दिखाई नहीं दे रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से चीन पर 145% टैक्स लगाने के बावजूद चीन के निर्यात पर कोई असर नहीं हुआ है। मार्च महीने में सालाना आधार पर चीन के निर्यात में 12.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं इसी अवधि में आयात में 4.3% की गिरावट आई है। चीन की सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन का निर्यात 2025 के पहले तीन (जनवरी-मार्च) महीनों में सालाना आधार पर में 5.8% बढ़ा, जबकि आयात में सात प्रतिशत की गिरावट आई। चीन का अमेरिका के साथ व्यापार सरप्लस मार्च में 27.6 अरब डॉलर रहा, जबकि इसके निर्यात में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष की पहली (जनवरी-मार्च) तिमाही में अमेरिका के साथ चीन का व्यापार अधिशेष 76.6 अरब डॉलर रहा।
अमेरिका को हो रहा भारी घाटा
चीन का अमेरिका के साथ व्यापार सरप्लस बढ़ने से यूएस को भारी घाटा हो रहा है। इसके चलते अमेरिका ने चीन पर भारी टैक्स लगाया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों में हाल ही में किए गए संशोधनों के अनुसार चीन को अमेरिका को किए जाने वाले अधिकतर निर्यातों पर 145 प्रतिशत शुल्क का सामना करना पड़ रहा है। सीमा शुल्क प्रशासन के प्रवक्ता ने कहा कि चीन जटिल व गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है, लेकिन वह घुटने नहीं टेकेगा। उन्होंने चीन के विविध निर्यात विकल्पों और विशाल घरेलू बाजार की ओर इशारा करते हुए यह बात कही।
इलेक्ट्रॉनिक सामान पर दी गई राहत
अमेरिका ने भले ही चीन पर भारी टैक्स लगाया है लेकिन इलेक्ट्रॉनिक सामान पर राहत दी है। अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा चीन से आईफोन, स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप के निर्यात पर 20 प्रतिशत टैक्स लगाया है। चीन ने दूसरी वस्तुओं पर भी टैक्स घटाने की मांग की है। ट्रंप द्वारा दुनिया के बहुत सारे देशों पर टैक्स बढ़ाने के फैसले को 90 दिनों के लिए टाल दिया गया है। भारत भी उन देशों में शामिल है। अब भारत ट्रंप से व्यापार वर्ता करने में लगा है। जल्द ही दोनों देशों के बीच सहमति बनने की उम्मीद है।

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