एपीडा (APEDA) के चेयरमैन अभिषेक देव ने बुधवार को कहा कि भारतीय शराब और अन्य मादक पेय पदार्थों के लिए वैश्विक बाजार में तरक्की की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत के पास जिन, बीयर, वाइन और रम जैसे कई बेहतरीन उत्पाद हैं, जो दुनियाभर में पसंद किए जा सकते हैं। उन्हें उम्मीद है कि भारत का मादक पेय पदार्थों का निर्यात, जो अभी 37.05 करोड़ डॉलर का है, वह 2030 तक बढ़कर 1 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
नए देशों में तलाशें बाजार
भारतीय मादक पेय कंपनियों के परिसंघ (CIABC) के एल्कोबेव इंडिया कार्यक्रम में देव ने इंडस्ट्री से कहा कि वे निर्यात बढ़ाने के लिए नए देशों में बाजार तलाशें और सिर्फ भारत के बड़े बाजार पर ही निर्भर न रहें। उन्होंने यह भी बताया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया जैविक उत्पादों के लिए एक समझौता करने के करीब हैं, जिसमें जैविक वाइन भी शामिल है।
फूड प्रोसेसिंग के मामले में पीछे हैं हम
सम्मेलन में खाद्य प्रसंस्करण सचिव सुब्रत गुप्ता ने शराब उद्योग से अपील की कि वे ऐसे उत्पाद बनाने पर ध्यान दें जिनकी कीमत ज्यादा हो और फल-सब्जियों की बर्बादी को कम करें। उन्होंने कहा कि भारत कई तरह की खेती में आगे है, लेकिन फूड प्रोसेसिंग के मामले में अभी पीछे है। गुप्ता ने मादक पेय पदार्थों का निर्यात बढ़ाने पर भी जोर दिया और कहा कि इस उद्योग में बहुत संभावनाएं हैं, क्योंकि इससे देश को विदेशी मुद्रा मिलेगी।
