आयात निर्यात का व्यापार कैसे शुरू करें How to Start Import Export (Aayat Niryat) Business Plan in hindi
आयात निर्यात (इम्पोर्ट एक्सपोर्ट) का व्यापार एक लम्बे समय तक चलने वाला व्यापार है. यह व्यापार कई लोगों द्वारा स्थायी रूप से किया जाता है, और इससे कई लोगों को रोजगार भी प्राप्त हो सकता है. कोई भी व्यक्ति यह व्यापार आसानी से आरम्भ कर सकता है. इस व्यापार के लिए कुछ विशेष कानूनी कार्यवाहियां भी हैं, जिसे व्यापार करने वाले को व्यापार आरम्भ करने से पहले पूर्ण करना होता है. यहाँ पर इस व्यापार से सम्बंधित सभी जानकारियाँ दी जा रही हैं, जिससे आपको व्यापार की संरचना और लाभ आदि का पूरा ब्यौरा प्राप्त हो सकेगा. भारत में मूवर्स और पैकर्स बिज़नस की शुरू कैसे करें यहाँ पढ़ें.
आयात निर्यात व्यापार के लिए पंजीकरण (Regration)
आयात निर्यात व्यापार के लिए समस्त प्रक्रियाएँ कानूनी हैं. इस व्यापार के लिए व्यापार शुरू करने वाले को अपना व्यापार ट्रांसपोर्ट के अधीन पंजीकृत कराना होता है. हालाँकि किसी भी व्यापार को चलाने के लिए पंजीकरण कराने की आवश्यकता होती ही है. यदि कोई व्यक्ति अपने देश से किसी दुसरे देश के बीच व्यापार करता है, तो यह व्यापार केवल उन दो व्यक्तियों का नहीं होता है, बल्कि उन दो देशों का भी हो जाता है, जिनके बीच यह व्यापार हो रहा है. इस व्यापार को शुरू करने से पहले निम्न पंजीकरण कराने की भी आवश्यकता होती है :
एमएसएमई के अंतर्गत पंजीकरण : इस समय भारत सरकार ने किसी भी व्यापार के लिए एमएसएमई के अंतर्गत पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया है. इसके अतिरिक्त उद्योग आधार की सहायता से भी पंजीकरण कराया जा सकता है. उद्योग आधार की सहायता से महज 5 मिनट के अन्दर ऑनलाइन अपना व्यापार भारत सरकार के अधीन पंजीकृत कराया जा सकता है.शॉप एक्ट रजिस्ट्रेशन : यदि आप किसी कारपोरेशन इलाके में रहते हुए अपना इम्पोर्ट- एक्सपोर्ट का व्यापार करते हैं, तो आपको शॉप एक्ट रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत भी अपना व्यापार पंजीकृत कराने की आवश्यकता होती है.नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट : यदि आप किसी ग्रामीण क्षेत्र से यह व्यापार करते हैं, तो यह पंजीकरण करवाना अनिवार्य है. व्यापारी को ग्राम पंचायत की तरफ से एक एनओसी प्राप्त करने की आवश्यकता है.आईई कोड : आईई कोड का फुल फॉर्म इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड होता है. अतः इसके नाम से ही यह समझा जा सकता है कि इस व्यापार के लिए ये कितना महत्वपूर्ण है. यह कोड भारत सरकार के फॉरेन ट्रेड मंत्रालय से प्राप्त होता है. अतः इसके लिए वहाँ पर आवेदन देने की आवश्यक्त होती है. यह कार्य किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से भी रू 2000 के अन्दर हो जा सकता.जीएसटी पंजीकरण : भारत सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को ध्यान रखते हुए जीएसटी टैक्स सिस्टम का आरम्भ किया है. इम्पोर्ट एक्सपोर्ट के व्यापार के लिए इसके अंतर्गत पंजीकरण कराना भी अनिवार्य है. इस पंजीकरण के लिए भी किसी सीए की मदद ली जा सकती है.
उपरोक्त सभी पंजीकरणों के साथ आप आयात निर्यात का व्यापार आरम्भ कर सकते हैं.
आयात निर्यात व्यापार के पंजीकरण के लिए वेबसाइट (Import Export Business Regration Website)
उपरोक्त पंजीकरण कराने के लिए कई कम्पनियाँ भी हैं, जिनके द्वारा पंजीकरण कराया जा सकता है. यहाँ पर एक ऑनलाइन वेबसाइट का नाम दिया जा रहा है, जिसके द्वारा आपको पंजीकरण कराने में मदद प्राप्त हो सकती है. : http://www.myonlineca.in/
ट्रेड व्यापार (Trade Business Ideas)
ट्रेड व्यापार के अंतर्गत लोग विदेश में मिलने वाली सस्ती चीज़े अपने देश में लाते हैं और यहाँ पर उसे ऊंचे दाम पर बेच कर खूब लाभ कमाते हैं. यह आयात निर्यात की प्रक्रिया द्वारा होता है. इसके लिये विभिन्न देशों के अलग अलग वेबसाइट होते है, जिसके द्वारा किसी दुसरे देश का व्यक्ति अपने देश में सामान मंगवा सकता है. कल्पना कीजिये कि आप चीन से किसी सस्ते सामान को भारत में मंगवा कर यहाँ पर बेचना चाहते हैं और लाभ कमाना चाहते हैं, तो इसके लिये सबसे पहले आपको चीन के आयात निर्यात वेबसाइट पर जाना होगा. आपको इस वेबसाइट पर अपने आवश्यकता के अनुसार क्वेरी डालने की आवश्यकता होती है. वेबसाइट का नाम नीचे दिया जा रहा है.
https://india.alibaba.com/index.html
इस वेबसाइट पर आपके द्वारा क्वेरी डालने के बाद आपको उस तरफ से लगभग 15- 20 कोटेशन प्राप्त होते हैं.
ट्रेड व्यापार की प्रक्रिया (Trade Business Process for Import Business)
ट्रेड व्यापार के लिए आगे की कड़ियों का वर्णन नीचे किया जा रहां है.
वेबसाइट के द्वारा आपको कोटेशन प्राप्त हो जाने के बाद आप किसी कंपनी को ट्रेड के लिए चुन सकते हैं.किसी एक कंपनी को चुन लेने के बाद उस कंपनी के द्वारा आपके सभी प्रश्नों के जवाब दिए जायेंगे. इसके बाद किसी कोटेशन को ट्रेड के लिए चुन लेना होता है.कंपनी का चयन कर लेने के बाद आपको इस कंपनी को ईमेल के जरिये एक फॉर्म के द्वारा डिलेवरी आर्डर अथवा डिस्पैच आर्डर देना होता है.इसके उपरान्त आपको चयनित कंपनी को अपने फर्म की जानकारियाँ भेजनी होती है. कुल लागत के आधा पैसा भेजने के बाद आपका आर्डर अप्प्रूव हो जाता है.इसके बाद आपसे चीनी कम्पनी द्वारा ये पूछा जाता है कि लोजिस्टिक फर्म आपका होगा या आर्डर भेजने वाले का होगा. इस समय अपने देश का फर्म जैसे कोलकाता, चेन्नई, महाराष्ट्र आदि बंदरगाह चुनने की आवश्यकता होती है. इनमें से आप किसी को भी चुन सकते हैं.यह आयात निर्यात पोर्ट से पोर्ट का होता है, अतः आपको किसी लोजिस्टिक फर्म को भाड़े पर लेना होता है और उन्हें आयातित होने वाली वस्तुओं सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारियाँ देने की आवश्यकता होती है. इस समय जिस स्थान से वस्तु मंगवाई जा रही है, वहाँ की समस्त जानकारियाँ रखने की आवश्यकता होती है.ये लोजिस्टिक फर्म आपको आर्डर को आपके निजी स्थान तक लाने का भी कार्य कर देता है. ये फर्म कस्टम और ड्यूटी सम्बंधित सभी औपचारिकताएं और जीएसटी आदि पूरा करते हुए आपके गोडाउन तक सामान पहुंचा देता है.इसके उपरान्त एक बार आपके हाथ में लैंडिंग बिल आ जाने के बाद आप उस कंपनी की बाक़ी राशि का भुगतान कर देते हैं.इस तरह के व्यापार को इम्पोर्ट बिजनेस कहा जाता है
यदि लोजिस्टिक कंपनी चीन की हो तो
यदि आयात के दौरान लोजिस्टिक कंपनी आप चीन का चयन करते हैं, तो आपको पोर्ट के कंटेनर यार्ड में जाना पड़ता है. पोर्ट के कंटेनर यार्ड में बात करनी होती है. किसी भी शहर के बन्दरगाहों में बहुत अधिक संख्या में कंटेनर यार्ड मौजूद होते हैं, जिसका विवरण आप इन्टरनेट से भी प्राप्त कर सकते हैं. यूट्यूब से पैसे कैसे कमायें यहाँ पढ़ें.
इस कंटेनर यार्ड को आपको यह बात बताने की आवश्यकता होती है, कि आपका माल कहाँ से आ रहा है और कब आएगा. इसके उपरान्त यह कंटेनर यार्ड आपके सामान के लिए कस्टम क्लियर करा देता है.इसके उपरान्त कस्टम यार्ड से अपने गोडाउन तक आप ट्रक आदि को भाड़े पर लेकर अपना सामान मंगवा सकते हैं.
निर्यात व्यापार के लिए (For Export Business)
यदि आप भारत में सामान बना कर विदेश में बेचना चाहते है, तो इसे एक्सपोर्ट बिजनस अथवा निर्यात व्यापर भी कहा जाता है. कई चीज़े ऎसी हैं, जो भारत में बनायी जा सकती हैं और आसानी से विदेश में बेचा जा सकता है, इस रूप में यह व्यापार काफ़ी कारगर होता है. इस व्यापार के लिए भी कई औपचारिकताएं है और प्रक्रिया है, जिसका वर्णन नीचे किया जा रहा है.
निर्यात के लिए भी कई सारी वेबसाइट हैं, जहाँ से आप अपने सामान आसानी से विदेश में बेच सकते हैं. आप इसके लिए ऊपर दिए गये आयत का वेबसाइट alibaba का प्रयोग कर सकते हैं, अथवा इसके अतिरिक्त एक और बेहतर वेबसाइट है, जिसका नाम नीचे दिया जा रहा है.
https://members.exportersindia.com/
उपरोक्त वेबसाइट पर आसानी से आप अपना प्रोडक्ट अपडेट कर सकते हैं. इस तरह से आपके प्रोडक्ट का प्रचार हो जाता है.
निर्यात व्यापार की प्रक्रिया (Export Business Process)
निर्यात व्यापार की प्रक्रिया का वर्णन नीचे किया जा रहा है.
कल्पना कीजिये कि आपने अपना प्रोडक्ट इस वेबसाइट पर अपलोड किया है, और विदेश का कोई व्यक्ति आपसे आपका प्रोडक्ट प्राप्त करना चाहता है, तो वह भी ठीक उसी तरह से अपनी क्वेरी इस वेबसाइट पर डालेगा, जैसे आपने alibaba पर इम्पोर्ट के लिए क्वेरी डाली थी.इसके उपरान्त समस्त प्रक्रियाए वैसी ही होंगी जैसे आपके आयात के समय हुआ था. इस समय आप अपना सामान जिस देश के व्यक्ति के द्वारा ख़रीदा गया है, उसके देश के पोर्ट तक के लिए बुक कराते हैं.इस प्रक्रिया में भी यदि लोजिस्टिक आपका हुआ तो बेहतर है. आप किसी लोजिस्टिक को भाड़े पर लेते हैं, यह लोजिस्टिक आपके द्वारा निर्यातित वस्तु के कस्टम आदि क्लियर करा कर विदेश के तय किये गये बंदरगाह तक पहुँचा दिए जाते हैं.कल्पना कीजिए आप अपना सामान भारत से अमेरिका भेजते हैं, तो इसके लिए सभी प्रक्रियाएं यह लोजिस्टिक फर्म कर देता है.इसके बाद अमेरिका में वहाँ की कंपनी सभी तरह की औपचारिकताएं सामान प्राप्त करने के लिए करती हैं.
आयात निर्यात में वस्तु का खर्च (Import Export Materials Costs)
यह खर्च कंटेनर के आकार पर निर्भर करता है. इसके लिए आप 20 फीट का कंटेनर पोर्ट टू पोर्ट किराए पर ले सकते हैं. इस कंटेनर का किराया आपको चीन से भारत सामान मंगाने के लिए 500 से 700 डॉलर तक का हो सकता है. हालाँकि यह चार्ज विभिन्न देशों के लिए अलग अलग होता है. इस कंटेनर के हिसाब से आप अपना सामान निर्यात करा सकते हैं. आम तौर पर इस व्यापार को शुरू करने का कुल लागत 5 से 6 लाख रूपए तक की होती है. इसके अंतर्गत टैक्स आदि भी शामिल हैं.
इसी तरह आप भारत ले अन्दर ही पैकर्स और मूवर्स बिजनेस की शुरुआत भी कर सकते है.
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