ग्वालियर: कतर दोहा में फंसे रिटायर्ड नेवी ऑफिसरट्वीटर पर बहन ने पीएम, गृहमंत्री, विदेश मंत्री से मांगी मददग्वालियर में एक रिटायर्ड इंडियन नेवी ऑफिसर की बहन ने ट्वीट कर देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, विदेश मंत्री सहित अन्य जिम्मेदार अफसरों से अपने भाई को कतर दोहा से वापस लाने मदद मांगी है। यहां बता दें कि ग्वालियर के रिटायर्ड ऑफिसर सहित नेवी के 8 ऑफिसर कतर दोहा में पिछले 70 दिनों से वहां की सरकार के द्वारा नजरबंद हैं।न किसी से मिलने दिया जा रहा है न ही उनके परिवार के पास जाने दिया जा रहा है। ग्वालियर के विंडसर हिल्स निवासी रिटायर्ड ऑफिसर पुर्णेन्दु तिवारी की बहन डॉ. मीतू भार्गव ने ट्वीट कर मदद मांगी है। यह ट्वीट उन्होंने पीएम को टैग करते हुए चार दिन पहले किया है।रिटायर्ड ऑफिसर की बहन के किए गए ट्वीटग्वालियर के विंडसल हिल्स में रहने वाली डॉ. मीतू भार्गव के भाई पुर्णेन्दु तिवारी इंडियन नेवी से रिटायर्ड ऑफिसर हैं। वह अपने अन्य सात ऑफिसर के साथ कतर की एक कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसलटेंसी सर्विसेज के लिए काम करते हैं। पुर्णेन्दु इस कंपनी में MD (मैनेजिंग डायरेक्टर) थे। इस कंपनी के अंतर्गत यह सभी 8 रिटायर्ड इंडियन नेवी अधिकारी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और दूसरी जरूरी सेवाएं देने गए हुए थे। जहां उन्हें अचानक सरकार ने उन्हें निगरानी में लेकर नजरबंद कर दिया। करीब 70 दिनों से यह ऑफिसर कतर दोहा में वहां की सरकार के पास निगरानी में है। पुर्णेन्दु की छोटी बहन डॉक्टर मीतू भार्गव सहित उनके पूरे परिवार का इस घटना के बाद बुरा हाल है। यही कारण है कि उन्होंने ट्वीट करके भारतीय दूसावास और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गुहार लगाई है कि उनके भाई सहित सभी आठ रिटायर्ड इंडियन नेवी अधिकारियों की सकुशल रिहाई जल्द हो। डॉ. मीतू का कहना है कि यह सभी रिटायर्ड भारतीय इंडियन नौसेना के अधिकारी रहे हैं और उम्रदराज होने के चलते एकांत कारावास में उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पडने लगा है।70 दिनों से हैं बंधककतर दोहा में भारतीय दूतावास को इस घटना के बारे में जानकारी है। यह मामला तब सामने आया है जब सीडीआर पूर्णेन्दु तिवारी की बहन मीतू भार्गव ने ट्वीट कर सरकार से मदद की गुहार लगाई। डॉक्टर मीतू के ट्विटर पर उन्हें एक शिक्षक और आध्यात्मिक व्यक्ति के रूप में बताया गया, जिन्होंने कहा, भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके 8 लोगों को पिछले 70 दिनों से दोहा में अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया है। इसी पोस्ट में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए भारत सरकार से इस पर तेजी से एक्शन लेने और बिना किसी देरी के इन पूर्व सैन्य अफसरों की रिहाई की मांग की हैसुरक्षा से जुड़े काम करती है कंपनीनौसेना के पूर्व अधिकारी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज नामक कंपनी के लिए काम कर रहे थे। यह कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा और अन्य सरकारी एजेंसियों के “स्थानीय व्यापार भागीदार” और रक्षा उपकरण संचालन तथा रखरखाव के रूप में इसकी प्रमुख दक्षताओं के रूप में वर्णित करती है। ग्रुप के सीईओ, खामिस अल अजमी भी खुद रॉयल ओमान एयर फोर्स से एक रिटायर स्क्वाड्रन लीडर हैं।आरोपों की वजह साफ नहींहिरासत में लिए गए आठ भारतीयों में से एक फर्म के प्रबंध निदेशक कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (रिटायर) भी शामिल हैं। उन्हें 2019 में देश के तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार मिल चुका है। हालांकि इन भारतीयों को किन वजहों से हिरासत में लिया गया और उनके खिलाफ क्या आरोप लगाए गए हैं, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है।

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