इंदौर कलेक्टर के मायने, अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान, मवेशी फ्री सिटी; गुंडों की प्रॉपर्टी तोड़ने का ट्रेंड भी यहीं से शुरू हुआ
इंदौर: प्रशासनिक फेरबदलनए कलेक्टर इलैया राजा टी. बुधवार को प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर का काम संभालेंगेनए कलेक्टर इलैया राजा टी. बुधवार को इंदौर पहुंचकर काम संभालेंगे। कानून और व्यवस्था में अहम जिम्मेदारी के साथ इलैया राजा के समक्ष एक ऐसे शहर की चुनौती होगी, जो अर्थव्यवस्था, नवाचार से लेकर कई मामलों में प्रदेश में एक नया ट्रेंड सेट कर चुका है।आबादी के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े शहर ने ही सबसे पहले मवेशी मुक्त सिटी का उदाहरण पेश किया। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा योगदान देने वाले इसी शहर ने गुंडों के मकान-दुकान ध्वस्त की प्रदेश में सबसे पहले शुरुआत की। वहीं जनवरी में होने वाली समिट और अप्रवासी सम्मेलन के लिए शहर को तैयार करना, व्यवस्थाएं जुटाना और 2023 के चुनाव की चुनौती भी है।इसलिए अहम है इंदौर की कलेक्टरी23 प्रतिशत योगदान प्रदेश की अर्थव्यवस्था में। यह प्रदेश में सबसे ज्यादा। रियल एस्टेट का सबसे बड़ा कारोबार।1600 करोड़ रुपए सालाना राजस्व सिर्फ रियल एस्टेट में अधिकृत स्टाम्प ड्यूटी और शुल्क से सरकार के खजाने में पहुंचता है।8000 करोड़ की आय दे चुका इस साल 8 महीने में।700 करोड़ से ज्यादा की आय आबकारी में 6 महीने में।6 बार सफाई में 1 नंबर। सीएम के सपनों का शहर। प्रदेश का हर बड़ा आयोजन इंदौर में। प्रदेश की आर्थिक राजधानी का तमगा। मेडिकल और एजुकेशन हब का तमगा। स्टार्टअप में भी आगे।40 लाख से ज्यादा की आबादी जिले की, 2 सांसद, 9 विधायक, प्रदेश का सबसे बड़ा निकाय होने के साथ 8 नगर परिषद।कानून और व्यवस्था में ऐसे उदाहरण पेश किए इंदौर ने50 से ज्यादा सड़कें बाधाएं हटाकर बना चुके।5000 से ज्यादा होर्डिंग, अवैध बाड़े ध्वस्त किए।2000 से ज्यादा मवेशी शहर से दूर किए।70 से ज्यादा गुंडे-बदमाशों के मकान, दुकान ध्वस्त कर चुके।{100 से ज्यादा भूमाफिया, खनिज, राशन माफियाओं पर कार्रवाई के लिए लगातार अभियान चलाया गया।
Comments are closed.