भारत में मुगल शासन के बारे में हर कोई जानता है। इसके बारे में बचपन से ही इतिहास में पढ़ाया जाता है। जिनका हमारे देश में बहुत अहम योगदान रहा है। अपने शासनकाल के दौरान मुगलों ने किलों का निर्माण कराया, जो आज भी भारत की ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विश्व भर में प्रसिद्ध है। लोग यहां जाते हैं और इतिहास को करीब से देखने व जानने का मौका प्राप्त करते हैं, जिससे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
आज के आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे मुगल शासकों के बारे में बताएंगे, जो शुद्ध शाकाहारी भोजन करना पसंद करते थे। इन्हें फल आदि खुब अधिक पसंद था।
ये बादशाह खाते थे शाकाहारी भोजन
अक्सर मुगलों का नाम सुनते ही लोग ऐसा सोचने लगते हैं कि उन्हें खाने में केवल मांसाहारी भोजन ही पसंद होता था, लेकिन यह बात काफी हद तक गलत है। मुगलों के भोजन के बारे में जानने के लिए इतिहास में जाना बेहद जरूरी है। जहां से यह पता चलेगा कि मुगल काल के वो बादशाह, जिन्हें नॉनवेज खाने से परहेज था। वह बड़े ही चाव से फल, सब्जी, दाल, चावल, रोटी ही खाया करते थे।
फल था पसंद
इतिहासकारों और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अकबर, औरंगजेब और जहांगीर को नॉनवेज खाना पसंद नहीं था। वह इन खानों से परहेज करते थे। इसके लिए अकबर ने तीन रसोईयां बनवाई थी। जिनमें से एक में वेज खाना ही बनाया जाता था, जहां दाल, चावल, पुलाव, सब्जी, आदि रसोइयों द्वारा बनाई जाती थी।
जहांगीर
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि मुगल शासन के बादशाह जहांगीर ने गुरुवार और रविवार के दिन किसी भी तरह की कटाई पर रोक लगा रखी थी। यदि कोई उनके नियम का उल्लंघन करते हुए पाया जाता था, तो उसे सख्त सजा दी जाती थी, ताकि आगे कोई भी इस प्रकार की हिमाकत न कर सके।
औरंगजेब
वहीं, औरंगजेब की बात करें, तो उन्हें खाने में पनीर के कोफ्ते, गेहूं से बने कबाब और पुलाव काफी ज्यादा पसंद था। अक्सर रसोई में उनके लिए ऐसे पकवान बनाए जाते थे। इसके अलावा, उन्हें फल बहुत ज्यादा पसंद था। इसलिए उनके लिए तरह-तरह के फल ले जाते थे, जिसे वह बड़े ही मजे से खाते थे
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)
