इन 5 बैंकों ने किया नियमों का उल्लंघन, RBI ने ठोका भारी जुर्माना, कहीं इनमें आपका खाता तो नहीं? देखें खबर
RBI Action: नियमों का उल्लंघन करने पर भारतीय रिजर्व बैंक ने पांच बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई है। इस बात की जानकारी केंद्रीय बैंक ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए 14 नवंबर गुरुवार को दी है। इन सभी पर आरबीआई द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में लापरवाही करने का आरोप है।
पश्चिम बंगाल के जयनगर मोजिलपुर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और गुवाहाटी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के खिलाफ आरबीआई ने एक्शन लिया है। वहीं गुजरात के तीन बैंकों पर भारी मौद्रिक जुर्माना लगाया गया है।
पश्चिम बंगाल के इस बैंक पर लगा 6 लाख से अधिक जुर्माना (RBI Monetary Penalty)
जयनगर मोजिलपुर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 6.34 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पीसीएल या लक्ष्य की प्राप्ति में कमी के खिलाफ निर्धारित समय के भीतर और चेतावनी पत्र जारी होने के बाद भी सिडबी भीके पास रखे गए एमएससी पुनर्वित कोष में निर्धारित राशि जमा करने में विफल रहा।
गुजरात के इन बैंकों पर गिरी गाज (Banking News)
वीजापुर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड, जिला मेहसाणा, गुजरात पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह बैंक विवेकपूर्ण अंतर बैंक (प्रतिपक्ष) जोखिम सीमा का पालन करने में विफल रहा। कुछ खातों में खाता आधारित संबंध स्थापित करते समय ग्राहक उचित परिश्रम प्रक्रिया का पालन भी नहीं कर पाया।
द नवानगर को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, जामनगर, गुजरात पर 2.50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस बैंक ने एक फर्म को लोन स्वीकृत और नवीनीकृत किया, जिसमें निदेशक का रिश्तेदार गरांटर था। इसके अलावा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बैलेंस शीट के “नोट्स टू अकाउंट” में आरबीआई द्वारा लगाए गए जुर्माने का खुलासा करने में भी विफल रहा।
लालबाग सहकारी बैंक लिमिटेड, वडोदरा पर आरबीआई ने 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह बैंक वित्तवर्ष 2022-23 के लिए पीसीएल या लक्ष्य की प्राप्ति में कमी के खिलाफ निर्धारित समय के भीतर और चेतावनी पत्र जारी होने के बाद भी सिडबी भीके पास रखे गए एमएससी पुनर्वित कोष में निर्धारित राशि जमा करने में विफल रहा।
गुवाहाटी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर क्यों लगा जुर्माना?
आरबीआई ने गुवाहाटी को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक लिमिटेड पर 80 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यह बैंक 6 महीने में कम से कम एक बार खातों के जोखिम वर्गीकरण की आवधिक समीक्षा करने में विफल रहा। अपने ग्राहकों के साथ खाता आधारित संबंध शुरू होने के 10 दिनों के भीतर ग्राहकों के केवाईसी रिकॉर्ड को सीकेईसीआर पर अपलोड नहीं कर पाया। अपने ग्राहक के केवाईसी का जोखिम आधारित अपडेट भी नहीं कर पाया। इसके अलावा अपने उधारकर्ताओं की क्रेडिट जानकारी सीआईसी को प्रस्तुत करने में भी विफल रहा।

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