मिडल-ईस्ट में इजरायल और ईरान के बीच जारी सैन्य संघर्ष लगातार गहराता जा रहा है। इजरायल और ईरान में जारी इस तनाव के बीच अमेरिका ने भी ईरान के 3 अलग-अलग परमाणु ठिकानों पर भयानक हमला किया है। अमेरिका के इस हमले के बाद ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद कर सकता है, जो पूरी दुनिया में कच्चे तेल के लिए ट्रेड रूट्स में सबसे महत्वपूर्ण है। अगर ईरान इस रूट को बंद करता है तो इसका सीधा और गहरा असर भारत समेत दुनिया के तमाम देशों पर पड़ेगा। कच्चे तेल की सप्लाई पर मंडराते जोखिम पर भारत ने पैनी नजर बनाई हुई है। केंद्रीय पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार लगातार स्थिति की समीक्षा कर रही है, जिसमें होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने की संभावना भी शामिल है।
भारत में अभी तेल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ”जहां तक आज वैश्विक स्थिति का सवाल है, मध्य पूर्व में तनाव का बढ़ना पूरी तरह से अप्रत्याशित नहीं था। हमने इसका पूर्वानुमान लगाया था। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार लगातार स्थिति की समीक्षा कर रही है, जिसमें होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने की संभावना भी शामिल है। हमने आपूर्ति के स्रोतों में विविधता लाई है। भारत में प्रतिदिन खपत होने वाले 5.5 मिलियन बैरल कच्चे तेल में से लगभग 1.5 से 2 मिलियन होर्मुज जलडमरूमध्य के माध्यम से आता है। हम अन्य मार्गों से लगभग 4 मिलियन बैरल आयात करते हैं। हमारी तेल मार्केटिंग कंपनियों के पास पर्याप्त स्टॉक है। ज्यादातर तेल कंपनियों के पास 3 हफ्ते तक का स्टॉक है जबकि एक कंपनी के 25 दिनों का स्टॉक है।”
अन्य मार्गों के माध्यम से आपूर्ति बढ़ा सकता है भारत
हरदीप सिंह पुरी कहा कि भारत अन्य मार्गों के माध्यम से कच्चे तेल की आपूर्ति बढ़ा सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ” मेरा मानना है कि इस मामले में किसी भी चिंता का कोई कारण नहीं है। हम सामने आने वाली स्थिति पर नजर रखेंगे और प्रधानमंत्री पहले ही सभी प्रमुख नेताओं से बात कर चुके हैं। उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति से तनाव कम करने के लिए लंबी बातचीत की है। ये हमारी आशा है और हम सभी को उम्मीद है कि स्थिति में शांति आएगी और तनाव कम होगा। इस बीच, हम उभरती स्थिति से निपटने के लिए भी तैयार हैं।”
कीमतों के बारे में अनुमान लगाना अभी बहुत मुश्किल
होर्मुज जलडमरूमध्य बंद होने की स्थिति में तेल की कीमतों पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ”कीमत के बारे में अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है। लंबे समय तक तेल की कीमत 65 से 70 डॉलर के बीच थी। फिर ये 70 से 75 के बीच हो गई। सोमवार को जब बाजार खुलेंगे, तो होर्मुज जलडमरूमध्य के बंद होने के परिणामों को ध्यान में रखा जाएगा। लेकिन जैसा कि मैं लंबे समय से कह रहा हूं, वैश्विक बाजारों में पर्याप्त तेल उपलब्ध है। वैश्विक बाजारों में ज्यादा से ज्यादा तेल आ रहा है, खासकर पश्चिमी गोलार्ध से। यहां तक कि पारंपरिक आपूर्तिकर्ता भी आपूर्ति बनाए रखने में रुचि लेंगे क्योंकि उन्हें भी राजस्व की आवश्यकता होती है। इसलिए उम्मीद है कि बाजार इसे ध्यान में रखे”

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