
ईशान किशन
एक मैच में शतक और दूसरे में बत्तख। वैसे तो क्रिकेट की दुनिया में ये कहावत काफी मशहूर है, लेकिन ऐसा बहुत कम ही बार होता है। इंटरनेशनल क्रिकेट को छोड़ दें और केवल आईपीएल की ही बात की जाए तो अब तक इंडियन प्रीमियर लीग के इतिहास में केवल दो ही बार ऐसा हुआ है। अब ईशान किशन ने ऐसा कर डाला है। कहां तो सनराइजर्स हैदराबाद के लिए पहला मैच खेलते हुए ईशान किशन ने पिछले मैच में शतक लगाने के बाद पूरे ग्राउंड पर दौड़ लगाते हुए सेलिब्रेशन किया था, लेकिन इसके बाद वे पहली ही बॉल पर यानी गोल्डन डक पर आउट हो गए हैं।
शार्दुल ठाकुर ने लगातार दो बॉल पर अभिषेक शर्मा और ईशान किशन को भेजा पवेलियन
ईशान किशन आईपीएल में पहली बार सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेल रहे हैं। उन्होंने अपने पहले ही मैच में शानदार सेंचुरी राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ ठोकी थी। उन्होंने 47 बॉल पर 106 रन बना दिए थे और आखिर तक आउट नहीं हुए थे। लेकिन आज जब वे एलएसजी के खिलाफ खेलने के लिए उतरे तो पहली ही बॉल पर आउट होकर वापस जाना पड़ा। शार्दुल ठाकुर की बॉल पर उन्हें ऋषभ पंत ने कैच किया और कहानी समाप्त हो गई। टीम की टेंशन ईशान किशन के आउट होने से इसलिए भी बढ़ गई, क्योंकि वे तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए थे। अपने पहले ही ओवर में शार्दुल ठाकुर ने पहले सलामी बल्लेबाजी अभिषेक शर्मा को चलता किया और इसके बाद अगली ही बॉल पर ईशान किशन को पवेलियन भेज दिया। शार्दुल को एक बार हैट्रिक पर भी थे, लेकिन वे इससे चूक गए। लेकिन उन्होंने एसआरएच को बैकफुट पर को कर ही दिया था।
इससे पहले सुरेश रैना के साथ भी ऐसा ही हुआ था
आईपीएल के इतिहास में अब तक केवल एक ही बार ऐसा हुआ था कि किसी बल्लेबाज ने एक मैच में सेंचुरी ठोकी हो और दूसरे मैच में गोल्डन डक का शिकार हो गया हो। साल 2013 में सीएसके की ओर से खेलते हुए सुरेश रैना ने पंजाब किंग्स के खिलाफ शतक ठोका था, इसके बाद जब वे अगले मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेलने के लिए उतरे तो गोल्डन डक का शिकार हो गए। अब ईशान किशन इस लिस्ट में शामिल होने वाले दूसरे बल्लेबाज बन गए हैं।
सनराइजर्स हैदराबाद की खराब शुरुआत
सनराइजर्स हैदराबाद की इस मैच में शुरुआत काफी खराब रही। अभिषेक शर्मा केवल 6 रन बनाकर आउट हो गए। उस वक्त टीम का स्कोर केवल 15 रन ही था। इसके बाद इसी स्कोर पर ईशान किशन भी आउट हो जाते हैं। टीम को बड़ा झटका तब लगा, जब ट्रेविस हेड 47 रन बनाकर आउट हुए। उस वक्त टीम का स्कोर केवल 76 रन ही हो पाया था। हालांकि इसके बाद हेनरिक क्लासेन और नितीश कुमार रेड्डी ने पारी को संभालने की कोशिश की।
