Share on Google+
Share on Tumblr
Share on Pinterest
Share on LinkedIn
Share on Reddit
Share on XING
Share on WhatsApp
Share on Hacker News
Share on VK
Share on Telegram
50F64F81645A2A453ED705C18C40448C
हेडलाइंस
DC से मिली हार के बाद बहाना बनाने लगे ऋषभ पंत, टॉस और पिच को लेकर कह दी ऐसी बात आतंकी हमले से 1 दिन पहले पहलगाम में था ये टीवी कपल, वादियों में मना रहा था छुट्टी, अटैक के बाद कही ये बात पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर शुभमन गिल को आया गुस्सा, कहा – ‘ऐसे लोगों की हमारे देश में जगह नहीं’, इन क्रिकेटरों ने भी जताया दुख CMF Phone 2 Pro की भारतीय कीमत आई सामने, इस दिन बाजार में देने जा रहा है दस्तक पहलगाम को कहते हैं 'कश्मीर का स्विट्जरलैंड', जानिए क्यों टूरिस्ट की पहली पसंद रहती है ये जगह Royal Enfield की नई Hunter 26 अप्रैल को होगी लॉन्च, जानें कितनी होगी कीमत और क्या बदलाव दिखेंगे Firozpur: पहले टीवी ठीक करवाने आए युवक को गोली से उड़ाया, फिर आगे गली में जाकर एक अन्य को मारी गोली Bihar Ke Mahakand Senari Massacre Naxalites Killed Upper Caste Bhumihars Revenge Attacks Caste War Ranvir Sena - Amar Ujala Hindi News Live Selection In Upsc 2024 From Aligarh - Amar Ujala Hindi News Live Upsc Result 2025 Anju Bhatt From Dehradun Secured 312th Rank Passed Exam By Studying At Home - Amar Ujala Hindi News Live

ईश्वर के प्रति समर्पण निष्काम बना देता है


हनुमान प्रसाद पोद्दार के अनुसार, भगवान ही सब लोकों के एकमात्र ईश्वर हैं और वे भगवान जीवमात्र के परम सुहृदय होने के कारण मेरे भी परम सुहृदय हैं। यह जानते ही उसे शांति मिल जाती है। उसे निश्चय हो जाता है कि अब मैं सब प्रकार से सुरक्षित और पूर्ण काम हो गया। जब सर्वशक्तिमान भगवान मेरे परम सुहृदय हैं, तब मुझे किसका डर।

मनुष्य के मन में नाना प्रकार के मनोरथ हैं। संसार में वह सदा ही अपने को किसी-न-किसी अभाव से ग्रस्त पाता है। किसी भी अवस्था में वह यह अनुभव नहीं करता कि मुझको सब कुछ मिल गया, अब और कुछ भी नहीं चाहिए। बड़ी-से-बड़ी दुर्लभ वस्तु के पाने पर भी वह उसमें किसी कमी का अनुभव करता है और यह सोचता है कि जब मेरी यह कमी पूरी होगी, तब मुझे शांति मिलेगी। यह अभाव का अनुभव कभी मनुष्य के चित्त को शांत नहीं होने देता। शांति की दो ही स्थितियां हैं। एक तो वह, जिसमें पहुंचने पर वह स्वयं शांतिस्वरूप हो जाता है । फिर उसे किसी वस्तु की कमी का कभी बोध होता ही नहीं। वह सभी में सर्वत्र, सर्वथा और सर्वदा एकमात्र परमात्मा को देखता है और अपने को उनसे अभिन्न पाता है। उसकी यह पूर्णता उसकी स्वरूपभूता होती है, इसी का नाम मुक्ति है। दूसरी वह स्थिति है, जिसमें वह अपने को सदा-सर्वदा भगवान के संरक्षण में पाता है, जहां भगवान अनंत हाथों और अनंत शक्तियों से उसकी कमी को पूरा करने के लिए सदा प्रस्तुत रहते हैं, परंतु उसे भगवान को पाकर किसी कमी का अनुभव होता ही नहीं, वह कृतार्थ हो जाता है। यहां तक कि मुक्ति की ओर भी उसकी दृष्टि भूलकर भी कभी नहीं जाती। वह इस बात को पहले ही जान चुका होता है कि जगत में जितने भी यज्ञ-तप किए जाते हैं, विभिन्न देवताओं के रूप में एकमात्र भगवान ही उन सबके भोक्ता हैं; अतएव देवोपासनारूप कर्म से जिनको जो कुछ भी फल मिलता है, सब भगवान के अपरिमित भंडार से ही आता है। भगवान ही सब लोकों के एकमात्र ईश्वर हैं और वे भगवान जीवमात्र के परम सुहृदय होने के कारण मेरे भी परम सुहृदय हैं। यह जानते ही उसे शांति मिल जाती है। उसे निश्चय हो जाता है कि अब मैं सब प्रकार से सुरक्षित और पूर्ण काम हो गया। जब सर्वशक्तिमान भगवान मेरे परम सुहृदय हैं, तब मुझे किसका डर और किस बात का अभाव। ऐसी अवस्था में वह सब प्रकार से भगवान पर निर्भर करके निश्चिंत और शांतचित्त हो जाता है।

इसी प्रकार सकाम भक्तों में तीन तरह के भक्त माने गये हैं— अर्थार्थी, आर्त और जिज्ञासु (‘आर्त्तो जिज्ञासुरर्थार्थी’)। इनमें एक तो वह है, जो किसी भी अर्थ की सिद्धि के लिए— धन, जन, मान, यश, भोग, स्वर्ग आदि की प्राप्ति के लिए भगवान को भजता है। दूसरा वह है, जो प्रारब्धवश किसी संकट में पड़कर उससे त्राण पाने के लिए भगवान की भक्ति करता है और तीसरा वह है, जो भगवान की प्राप्ति का सरल और सहज पथ जानने के लिए भगवान को याद करता है। इन तीनों सकाम भक्तों की सकाम भक्ति को भी तभी पूर्ण समझना चाहिए, जब कि वे भगवान को ही एकमात्र आश्रय मानकर उन्हीं पर निर्भर रहें। तभी उन्हें अनायास फल भी मिलता है।

ध्रुव अर्थार्थी भक्त थे; वे ज्यों ही भगवान पर निर्भर हुए, त्यों ही उन्हें उनका इच्छित फल मिल गया। द्रौपदी और गजराज आर्त भक्त थे और जब तक वे दूसरों से त्राण की जरा भी आशा करते रहे, तब तक उनके संकट दूर नहीं हुए; जब एकमात्र भगवान पर निर्भर करके उनको पुकारा, तब उसी क्षण भगवान ने स्वयं प्रकट होकर उनके दुख दूर कर दिए। जिज्ञासु भक्त तो ऐसे बहुत हुए हैं, जो भगवान पर निर्भर करके भगवत प्रेरणा से भगवान के पथ पर सहज ही आरूढ़ हो गए हैं। सकाम भाव की इस निर्भरता के लिए बंदर के बच्चे से तुलना कर संत लोग बिल्ली के बच्चे का दृष्टांत दिया करते हैं। बंदर का बच्चा भूखा होने पर स्वयं कूदकर मां को पकड़ लेता है। परंतु भूखा बिल्ली का बच्चा मां की प्रतीक्षा करता हुआ अपने स्थान पर बैठा रहता है; स्वयं मां उसकी चिंता करती है और उसके पास आकर जहां ले जाना होता है, अपने मुंह से उठाकर उसे वहां ले जाती है।

इसी प्रकार जो मनुष्य किसी भी काम की सिद्धि के लिए श्रद्धा-विश्वासपूर्वक भगवत कृपा की प्रतीक्षा करते हुए भगवान पर निर्भर रहते हैं, उनके काम को भगवान स्वयं पधार कर पूरा कर देते हैं। नरसी मेहता आदि अनेक भक्तों के उदाहरण इसके प्रमाण हैं।



Source link

1413520cookie-checkईश्वर के प्रति समर्पण निष्काम बना देता है
Artical

Comments are closed.

DC से मिली हार के बाद बहाना बनाने लगे ऋषभ पंत, टॉस और पिच को लेकर कह दी ऐसी बात     |     आतंकी हमले से 1 दिन पहले पहलगाम में था ये टीवी कपल, वादियों में मना रहा था छुट्टी, अटैक के बाद कही ये बात     |     पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर शुभमन गिल को आया गुस्सा, कहा – ‘ऐसे लोगों की हमारे देश में जगह नहीं’, इन क्रिकेटरों ने भी जताया दुख     |     CMF Phone 2 Pro की भारतीय कीमत आई सामने, इस दिन बाजार में देने जा रहा है दस्तक     |     पहलगाम को कहते हैं ‘कश्मीर का स्विट्जरलैंड’, जानिए क्यों टूरिस्ट की पहली पसंद रहती है ये जगह     |     Royal Enfield की नई Hunter 26 अप्रैल को होगी लॉन्च, जानें कितनी होगी कीमत और क्या बदलाव दिखेंगे     |     Firozpur: पहले टीवी ठीक करवाने आए युवक को गोली से उड़ाया, फिर आगे गली में जाकर एक अन्य को मारी गोली     |     Bihar Ke Mahakand Senari Massacre Naxalites Killed Upper Caste Bhumihars Revenge Attacks Caste War Ranvir Sena – Amar Ujala Hindi News Live     |     Selection In Upsc 2024 From Aligarh – Amar Ujala Hindi News Live     |     Upsc Result 2025 Anju Bhatt From Dehradun Secured 312th Rank Passed Exam By Studying At Home – Amar Ujala Hindi News Live     |    

9213247209
पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9907788088