एक्शन में RBI, मई में 2 फाइनेंस कंपनी और एक बैंक पर लगा ताला, हमेशा के लिए हुए बंद, लाइसेंस रद्द, पढ़ें पूरी खबर
मई में भी भारतीय रिजर्व बैंक की कार्रवाई का सिलसिला जारी रहा है। इस महीने कई नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों और बैंकों पर गाज गिरी है। किसी पर जुर्माना लगाया गया तो किसी का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। 31 दिनों के भीतर RBI ने एक बैंक और एनबीएफसी का लाइसेंस कैंसिल किया है। इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है।
आरबीआई ने लखनऊ में स्थित एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इसे ग्राहकों के हितों के हानिकारक बताया गया है। इस कार्रवाई का प्रभाव कस्टमरर्स पर भी पड़ा। वहीं एम/एस एनवाई लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड, साउथ दिल्ली और आरएल इनवेस्टमेंट एंड फाइनेंस कंपनी लिमिटेड, कानपुर का सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन यानि लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
बैंक का कारोबार बंद हुआ
बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं ना होने के कारण आरबीआई ने लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया। इस बैंक का चालू रहना जमाकर्ताओं के लिए हानिकारक साबित हो सकता था। इसकी स्थिति इतनी खराब थी कि यह जमाकर्ताओं को पुनर्भुगतान करने में भी सक्षम नहीं था। अब बैंक न ही जमा स्वीकार कर सकता है और न ही पुनर्भुगतान करने की अनुमति होगी। हालांकि डीआईसीजीसी अधिनियम 1961 के तहत प्रत्येक ग्राहक 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होता है।
कंपनी ने किया नियमों का उल्लंघन
एम/एस एनवाई लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड, साउथ दिल्ली ने ऋण परिचालन में वित्त सेवाओं की आउटसोर्सिंग पर आरबीआई द्वारा निर्धारित किए गए नियमों का उल्लंघन किया। ग्राहकों की आउटसोर्सिंग, उनके उचित जांच पड़ताल, लोन वितरण, पुनर्भुगतान का संग्रह आदि के साथ-साथ केवाईसी सत्यापन से संबंधित दिशानिर्देशों का अनुपालन नहीं किया। सीओआर रद्द होने के बाद कंपनियों को नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल इन्स्टिच्यूशन के तौर पर कारोबार जारी रखने की अनुमति नहीं है।

Comments are closed.