एचसीएस भर्ती घोटाला:167 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं से हुई थी छेड़छाड़ – Hcs Recruitment Scam: Answer Sheets Of 167 Candidates Were Tampered

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : iStock
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एचसीएस (हरियाणा सिविल सेवा) के 102 पदों पर वर्ष 2004 में हुई भर्ती घोटाले में कई खुलासे हुए हैं। जांच में सामने आया कि 167 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ हुई थी। पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के शासन में हुई दूसरी भर्ती की अनियमितता के मामले में अग्रिम जमानत मांगने वाले हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) के छह पूर्व सदस्यों की याचिका का विरोध करते हुए पंचकूला एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने कई खुलासे किए। एसीबी ने बताया कि इस भर्ती में साक्षात्कार के लिए बुलाए गए कुल 292 अभ्यर्थियों में से 167 की उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ की गई थी।
एचसीएस (हरियाणा सिविल सेवा) के 66 पदों पर करीब 21 साल पहले हुई भर्ती की अनियमितता के मामले में पंचकूला एंटी करप्शन ब्यूरो ने हिसार के जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार मित्तल की अदालत में 29 व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट पहले ही दाखिल कर दी है।
इनमें आयोग के पूर्व सदस्य एवं इस समय जजपा नेता केसी बांगड़ के अलावा आयोग के सचिव सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हरदीप सिंह भी शामिल हैं। अब आयोग के पूर्व सदस्य हिसार के कैमरी रोड स्थित छत्तर सिंह, सेक्टर-15 निवासी युद्धवीर सिंह, सिरसा के सुखखेड़ा गांव निवासी ओमप्रकाश, एडिशनल डीसी कॉलोनी निवासी डुंगर राम, रोहतक के सेक्टर-4 निवासी रणबीर सिंह हुड्डा व महेंद्रगढ़ के नारनौल निवासी सतबीर सिंह बढ़ेसरा ने अग्रिम जमानत याचिका के लिए आवेदन किया है। इस पर एसीबी ने अपना जवाब कोर्ट में दे दिया है और वीरवार को जमानत पर बहस होगी।
जांच एजेंसी को मिली थीं 38 शिकायतें
एसीबी ने बताया कि एचपीएससी में हुई भर्ती में धांधली के आरोपों पर मुख्य सचिव के आदेश के बाद विजिलेंस जांच हुई और जांच के बाद 18 अक्तूबर, 2010 को हिसार में एफआईआर दर्ज की गई। मामले की जांच के दौरान वर्ष 2001 में हुई असिस्टेंट प्रोफेसर (कॉलेज) की भर्ती, वर्ष 2003 में सिरसा के पन्नीवाला मोटा सिथत चौधरी देवी लाल मेमोरियल इंजीनियरिंग कॉलेज और वर्ष 2001 से 2004 में हुई एचसीएस (एक्जीक्यूटिव और एलाइड सर्विस) की भर्ती में हुई अनियमितताओं के बारे में मुख्य सचिव कार्यालय से जांच एजेंसी को कुल 38 शिकायतें मिलीं।
जांच के दौरान वर्ष 2004 में हुई एचसीएस (एक्जीक्यूटिव ब्रांच) की भर्ती का रिकॉर्ड लिया गया। जांच के दौरान पता चला कि वर्ष 2004 में 102 पदों पर आवेदन मांगे गए थे। अगस्त 2004 में हुई मुख्य परीक्षा में 1392 अभ्यर्थी शामिल हुए और 292 को साक्षात्कार के लिए बुलाया गया, जिनमें से 102 का चयन किया गया। इस भर्ती के दौरान हरदीप सिंह एचपीएससी के सचिव थे और बनवारी लाल परीक्षा नियंत्रक और मेहर सिंह चेयरमैन के पद पर थे। जमानत याचिका दायर करने वालों में डुगर राम, छत्तर सिंह, युद्धवीर सिंह, रणबीर सिंह हुड्डा, ओमप्रकाश बिश्नोई के अलावा एक संतोष सिंह आयोग के सदस्य थे।
ओवरराइटिंग से लेकर अलग-अलग पेन की मिली थी स्याही
जांच के दौरान उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक ने प्रमोद कुमार, आरपी सैनी, ओपी पॉल की एक टीम गठित की, जिन्होंने साक्षात्कार के लिए बुलाए गए 292 अभ्यर्थियों की ओरिजनल उत्तर पुस्तिका की जांच की। इनमें से 167 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं में गंभीर अनियमितताएं मिली। इनमें ओवर राइटिंग, अंकों में कटिंग करके बढ़ाना व घटाना, अलग-अलग पेन व स्याही का प्रयोग करना, पेज खाली छोड़ देना आदि शामिल थी। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि वर्ष 2004 की एचसीएस भर्ती प्रक्रिया की पूरी चयन प्रक्रिया में अनियमितताएं बरती गई जिनमें साक्षात्कार में दिए गए नंबर भी शामिल हैं।

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