41 साल की उम्र में भी एबी डीविलियर्स क्रिकेट के मैदान पर वही जादू बिखेर रहे हैं, जो उन्हें ‘मिस्टर 360’ के नाम से मशहूर करता है। वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लेजेंड्स (WCL) 2025 के दूसरे सीजन में 22 जुलाई को भारत और साउथ अफ्रीका चैंपियंस के बीच हुए मुकाबले में डीविलियर्स ने बल्ले, फील्डिंग और अपनी फुर्ती से सभी को हैरान कर दिया। इस मैच में साउथ अफ्रीका ने भारत को 88 रनों से करारी शिकस्त दी, जिसमें डीविलियर्स का बड़ा योगदान रहा।
डीविलियर्स की विस्फोटक बल्लेबाजी
एबी डीविलियर्स ने इस मुकाबले में अपनी पुरानी चमक दिखाते हुए 30 गेंदों में नाबाद 61 रन ठोक डाले। 203.33 की स्ट्राइक रेट से खेली गई इस पारी में उन्होंने 3 छक्के और कई शानदार शॉट्स
लगाए। भारतीय गेंदबाजों के पास उनके सामने कोई जवाब नहीं था। उनकी इस तूफानी पारी की बदौलत साउथ अफ्रीका चैंपियंस ने 20 ओवर में 6 विकेट खोकर 206 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। डीविलियर्स की पारी ने भारतीय खेमे में शुरू से ही दबाव बना दिया।
दबाव में भारत की बल्लेबाजी ढह गई
207 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंडिया चैंपियंस की शुरुआत बारिश के कारण डकवर्थ-लुईस नियम के तहत 18.2 ओवर में 200 रन कर दी गई। लेकिन साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को कोई मौका नहीं दिया। रॉबिन उथप्पा, शिखर धवन, सुरेश रैना और अंबाती रायडू जैसे दिग्गज बल्लेबाज साउथ अफ्रीका के गेंदबाजी आक्रमण के सामने बेबस नजर आए। युवराज सिंह इस मैच में नहीं खेले, जिसका असर भी भारतीय पारी पर पड़ा। इंडिया चैंपियंस 18.2 ओवर में 9 विकेट खोकर सिर्फ 111 रन ही बना सकी और 88 रनों से मैच हार गई।
छक्कों का फासला बना हार का कारण
इस मुकाबले में कुल 8 छक्के लगे, जिनमें से 7 साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों ने जड़े। इनमें से 3 छक्के अकेले डीविलियर्स के बल्ले से निकले। दूसरी ओर, भारतीय टीम पूरे मैच में सिर्फ एक छक्का ही लगा सकी। छक्कों का यह अंतर दोनों टीमों के प्रदर्शन में आए फासले को साफ दर्शाता है। साउथ अफ्रीका की आक्रामक बल्लेबाजी और कसी हुई गेंदबाजी ने भारत को कोई मौका नहीं दिया।
