एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में शुरू करेगी 840 रुपये से इंटरनेट प्लान, जल्द मिल सकती है सरकार से मंजूरी!
एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में हाई-स्पीड इंटरनेट सर्विस लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है। टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में अनाउंस किया कि कंपनी ने सभी रेगुलेटरी रिक्वायरमेंट्स को पूरा कर लिया है, और अब लाइसेंस प्रोसेस अपने आखिरी स्टेज में है। स्टारलिंक का टारगेट भारत के रूरल और रिमोट एरियाज में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बढ़ाना है, जो अभी तक ट्रेडिशनल टेलीकॉम सर्विसेज से अछूते हैं।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये सर्विस टेलीमेडिसिन, ऑनलाइन एजुकेशन, और डिजास्टर मैनेजमेंट जैसे सेक्टर्स में रिवॉल्यूशन ला सकती है। स्टारलिंक ने भारत के दो बड़े टेलीकॉम प्लेयर्स, रिलायंस जियो और भारती एयरटेल, के साथ स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की है। ये दोनों कंपनियां इंडिया के टेलीकॉम मार्केट का 70% हिस्सा कंट्रोल करती हैं, जिससे स्टारलिंक को मार्केट में एंट्री करने में मदद मिलेगी। SpaceX की ये सर्विस सैटलाइट के जरिए डायरेक्ट इंटरनेट प्रोवाइड करेगी, जिससे ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत कम होगी
स्टारलिंक की सर्विस कॉस्ट और डिटेल्स
स्टारलिंक भारत में अपनी सर्विस 840 रुपये पर मंथ से शुरू करेगी, जो इंडिया में एवरेज ब्रॉडबैंड सर्विसेज की कॉस्ट से थोड़ा ज्यादा है। लेकिन प्लान और लोकेशन के आधार पर इसकी कीमत 7,000 रुपये तक जा सकती है। यूजर्स को सर्विस यूज करने के लिए एक खास किट खरीदनी होगी, जिसमें सैटलाइट डिश और वाई-फाई राउटर शामिल है। इस किट की कीमत 20,000 से 35,000 रुपये के बीच होगी। कंपनी ने पहले ही 5,000 प्री-ऑर्डर्स रजिस्टर किए हैं, जो इस सर्विस की हाई डिमांड को दिखाता है। स्टारलिंक का कहना है कि उनकी सर्विस 50 से 150 Mbps तक की स्पीड देगी, जो रूरल एरियाज में मौजूदा इंटरनेट सर्विसेज से कहीं बेहतर है। ये सर्विस उन एरियाज में फोकस करेगी, जहां फाइबर ऑप्टिक कनेक्शन पहुंचाना मुश्किल है।
भारत में स्टारलिंक के सामने रेगुलेटरी हर्डल्स
लाइसेंस मिलने के बाद भी स्टारलिंक को कई रेगुलेटरी चैलेंजेस का सामना करना पड़ेगा। सबसे बड़ी चुनौती स्पेक्ट्रम अलोकेशन है, जिसके लिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट और TRAI के साथ कोऑर्डिनेशन जरूरी है। टेलीकॉम मिनिस्टर ने बताया कि स्पेक्ट्रम प्राइसिंग जल्द अनाउंस की जाएगी, जिसके बाद अलोकेशन प्रोसेस शुरू होगा। इसके अलावा, मस्क की कंपनी को अपनी ओनरशिप स्ट्रक्चर की पूरी डिटेल्स शेयर करनी होंगी, लेकिन US प्राइवेसी लॉज की वजह से SpaceX की कुछ डिटेल्स शेयर करना मुश्किल हो रहा है। इंडिया में सैटलाइट इंटरनेट सर्विसेज को लेकर सिक्योरिटी कंसर्न्स भी हैं, क्योंकि डेटा डायरेक्ट सैटलाइट के जरिए ट्रांसमिट होगा। गवर्नमेंट ने स्टारलिंक से डेटा लोकलाइजेशन और साइबर सिक्योरिटी रूल्स फॉलो करने को कहा है। स्टारलिंक को इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) के साथ भी कोऑर्डिनेट करना होगा, ताकि सैटलाइट ऑपरेशन्स में ISRO के प्रोजेक्ट्स से कोई इंटरफेरेंस न हो।

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