रायपुर: प्रशासन की ओर से कराए गए आबादी पट्टा सर्वे को लेकर बड़ा विवाद खड़े हो गया है।प्रशासन की ओर से कराए गए आबादी पट्टा सर्वे को लेकर बड़ा विवाद खड़े हो गया है। सभी 10 जोन में 70 वार्डों में किए गए सर्वे में करीब आधा दर्जन वार्डों को झुग्गी मुक्त बता दिया गया है। अब इन वार्डों के लोग जोन और तहसील दफ्तर विरोध करने पहुंच रहे हैं। उनका कहना है कि फील्ड में सर्वे के बजाय अफसरों ने अपने मन से वार्डों को झुग्गी मुक्त घोषित कर दिया है। प्रारंभिक जांच के बाद कलेक्टर ने नजूल अफसरों से रिपोर्ट मंगवाने के साथ ही दावा आपत्ति की तारीख 1 से बढ़ाकर 8 अगस्त कर दी है। राजीव गांधी आश्रय योजना के तहत शहर के 70 वार्डों में आबादी पट्टा बांटने के लिए सर्वे का काम पूरा हो गया है।सबसे ज्यादा पट्टे जोन 10 में 5300 लोगों को बांटे जाएंगे। शहर में 24 हजार लोगों के नामों की लिस्ट बनाई गई है जिन्हें पट्टों का आवंटन किया जा रहा है। अभी सबसे ज्यादा विवाद हवलदार अब्दुल हमीद और राजीव गांधी वार्ड में हो रहा है। इन दोनों वार्डों को सर्वे में झुग्गी मुक्त घोषित कर दिया गया है। हवलदार अब्दुल हमीद वार्ड के रजबंधा मैदान में बड़ी संख्या में लोग झुग्गी बस्ती में रह रहे हैं। इसी तरह का हाल राजीव गांधी वार्ड में भी है। जोन 4 में ब्राह्मणपारा में 1100 लोगों के नाम तय किए गए हैं, लेकिन विवेकानंद नगर, सदर बाजार समेत कई इलाकों को छोड़कर केवल 5 वार्डों में सर्वे किया गया है।450 से 750 फीट जमीन का पट्टा मिलेगाशासकीय योजना के अनुसार लोगों को 450 से 750 वर्गफीट तक का जमीन का पट्टा दिया जाएगा। बाद में इसी जमीन को लोग फ्री होल्ड भी करवा सकते हैं। यानी जमीन पर पूरी तरह से मालिकाना हक मिल जाएगा। जोन वाइज मिले आंकड़ों के अनुसार जोन 5 में 3200 लोगों को पट्टा देने के लिए लिस्ट बनाई जा रही है। जोन 6 में 2224, जोन 7 में 2500, जोन 8 में 2912, जोन 9 में 2035 और जोन 10 में 5300 लोगों के नाम पट्टा देने की लिस्ट में शामिल किया गया है।दावा-आपत्ति का समय बढ़ाया: कलेक्टरकलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने बताया कि झुग्गी बस्तियों के सर्वे में कुछ शिकायतें मिली हैं। इन्हें दूर किया जा रहा है। लोगों की मांग पर प्रशासन ने दावा-आपत्ति का समय भी बढ़ा दिया है। जिन क्षेत्र के लोगों को किसी भी तरह की आपत्ति है तो वे 8 अगस्त तक उसे प्रमाणों के साथ जमा कर सकते हैं। आपत्तियों के निराकरण के बाद ही पट्टे बांटने का काम शुरू किया जाएगा। तय समय के बाद किसी भी तरह की आपत्ति स्वीकार नहीं की जाएगी।

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