जालंधर: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने जारी किया इनामी पोस्टरजिला जालंधर के तहत आते उप-मंडल फिल्लौर के गांव भारसिंहपुरा में शिव मंदिर के पुजारी की हत्या करवाने वाले खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर को इनामी मुजरिम घोषित कर दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर को पकड़वाने वाले को 10 लाख का इनाम देने की घोषणा की है।खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ हरदीप सिंह निज्जर मूल रूप से भारसिंहपुरा का ही रहने वाला है। लेकिन अब वह खालिस्तान की सारी गतिविधियां कनाडा में रहकर चला रहा है। उसने वहीं से अपने गुर्गों के जरिये अपने ही गांव के शिव मंदिर के पुजारी संत कमलदीप की हत्या करवा दी थी। इस हमले में एक महिला घायल हो गई थी।पुजारी की हत्या का सारा षड्यंत्र हरदीप निज्जर ने अपने एक खालिस्तानी साथी अर्शदीप सिंह के साथ मिलकर रचा था। अर्शदीप ने ही हरदीप के कहने पर मोगा से शूटर फिल्लौर के गांव भारसिंहपुरा में भेजे थे।राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हरदीप सिंह को इनामी मुजरिम घोषित करने वाले नोटिस में लिखा है कि भारत खासकर पंजाब में खालिस्तानी गतिविधियां चल रही हैं उनमें भी इसकी शमूलियत है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि यह कनाडा में बैठ कर पैसों के दम पर अराजक गतिविधियों को चला है।NIA ने चार्जशीट में किए थे कई खुलासेपंजाब के फिल्लौर के गांव भारसिंहपुरा में एक मंदिर के पुजारी पर गोलियां चलाने के मामले में NIA द्वारा कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट में कई अहम खुलासे किए थे। चार्जशीट में खुलासा किया था कि पंजाब में हिंदुओं की भावनाओं को भड़काने के लिए और पंजाब का साम्प्रदायिक माहौल खराब करने के लिए विदेश में बैठे खालिस्तानियों ने मंदिर के एक हिंदू पुजारी पर हिंदू युवकों को ही हायर करके गोलियां चलवाई थीं।यह सारा कृत्य कनाडा में बैठे दो खालिस्तानी समर्थकों अर्शदीप सिंह अर्श उर्फ प्रभ और हरदीप सिंह निज्जर ने करवाया था। दोनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से मोगा के कमलजीत शर्मा पुत्र दर्शन लाल शर्मा निवासी डाला (मेहना) जिला मोगा और राम सिंह पुत्र रंजीत सिंह निवासी घल्ल खुर्द जिला फिरोजपुर से संपर्क साधा था। इसके बाद खालिस्तानी हरदीप सिंह के गांव भारसिंहपुर में शिव मंदिर के ही गेट से पुजारी संत ज्ञान मुनी कमलदीप व अन्य श्रद्धालुओं पर फायरिंग करने के बाद फरार हो गए थे।पुजारी- महिला सेवादार को लगीं थी 3-3 गोलियांइसमें संत कमलदीप और एक महिला सेवादार घायल हो गए थे। जब सुबह मंदिर के पुजारी पर गोलियां चलाई थीं तो मंदिर की एक सेवादार उन्हें बचाने के लिए उनके आगे आ गई थी। इस फायरिंग की घटना में पुजारी और महिला सेवादार सिमरन को 3-3 गोलियां लगी थीं।हरदीप ने अर्शदीप के साथ मिलकर बनाया था प्लानहरदीप सिंह मूल रूप से उसी गांव का रहने वाला है जहां पुजारी को गोलियां मारी गई थीं। यह सारा प्लान हरदीप ने अपने खालिस्तानी समर्थक साथी अर्शदीप के साथ मिलकर बनाया था। इस मामले में मुख्य शूटर कमलजीत शर्मा अर्शदीप के गांव का ही रहने वाला है।शूटरों ने पहले माथा टेकने के बहाने मंदिर में रेकी की थीअर्शदीप के माध्यम से ही कमलजीत और उसके साथी शूटर राम को पैसे भेजे गए थे। दोनों शूटरों ने पहले माथा टेकने के बहाने मंदिर में रेकी की थी। उसके बाद दोनों ने पिछले साल 31 जनवरी को रविवार के दिन सुबह करीब दस बजे मंदिर में फायरिंग कर दी थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में एफआईआर 9 माह बाद 8 अक्टूबर को दर्ज की थी।घटना के बाद अरोपियों के स्कैच किए गए थे जारीजब यह फायरिंग हुई तो इसके प्रत्यक्षदर्शी वहां पर मौजूद श्रद्धालुओं को लेकर पुलिस ने आरोपियों के स्कैच बनाकर जारी किए थे। इसके अलावा पुलिस ने मंदिर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज लेकर भी खंगाली थी। इसके साथ पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को डिटेन भी किया था। 11 फरवरी को पुलिस ने इस बात का पक्का पता लगा लिया था कि शूटर मोगा से आए थे। वहां पर पुलिस ने कुछ लोगों को डिटेन करके आरोपियों का पता लगाया था।

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