चंडीगढ़: वीके जंजुआ पंजाब के 41वें चीफ सेक्रेटरी हैं।पंजाब के नए चीफ सेक्रेटरी वीके जंजुआ के प्रमोशन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। उन पर पहले करप्शन केस पेंडिंग होने का हवाला दिया गया है। हाईकोर्ट में 1 अगस्त को इसकी सुनवाई होगी। पिटीशन दायर करने वाले टीएस मिश्रा ने कहा कि जंजुआ को चीफ सेक्रेटरी लगाना गाइडलाइंस का उल्लंघन है। वहीं जिस केस को आधार बनाकर यह पिटीशन दायर की गई है, उसमें कैप्टन सरकार के वक्त जंजुआ को क्लीन चिट मिल चुकी है।AAP सरकार ने तिवारी को हटा जंजुआ को लगायावीके जंजुआ को आम आदमी पार्टी की सरकार ने हाल ही में चीफ सेक्रेटरी लगाया था। अनिरुद्ध तिवारी को हटा जंजुआ को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। तिवारी को पिछली कांग्रेस सरकार ने चीफ सेक्रेटरी बनाया था। हालांकि आप सरकार ने करीब तीन महीने उनसे ही काम लिया।अकाली-भाजपा सरकार के वक्त दर्ज हुआ था केसवीके जंजुआ को डायरेक्टर इंडस्ट्रीज रहते हुए 9 नवंबर 2009 को कथित तौर पर 2 लाख रिश्वत लेते हुए विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। यह रकम लुधियाना के एक कारोबारी से लेने का दावा किया गया था। उसी दिन जंजुआ के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें पद से हटा दिया गया। उन पर अकाली-भाजपा सरकार के वक्त यह केस हुआ था।केंद्र की मंजूरी नहीं ली गई, आगे पैरवी से विजिलेंस ने इनकार कियाIAS अफसर होने की वजह से उन पर केस चलाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं ली गई थी। जिसके बाद 2018 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के CM रहते कांग्रेस सरकार ने उन्हें क्लीन चिट दे दी। विजिलेंस ब्यूरो ने उनके खिलाफ केस की आगे पैरवी करने से इनकार कर दिया।

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