बांसवाड़ा: मां त्रिपुरा सुंदरी के दरबार में शनिवार रात को हाथ जोड़कर वंदना करते भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया।भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि भाजपा के तीन बड़े और ऐतिहासिक फैसले रहे हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में देश को अब्दुल कलाम तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में रामनाथ कोविंद और द्रोपदी मुर्मू जैसी राष्ट्रपति मिली हैं। भाजपा ने लोकतंत्र के मायनों से सबको समानता का अधिकार दिया है। सामान्य परिवार की पार्षद महिला को राष्ट्रपति तक पहुंचाने का फैसला एतिहासिक है। आदिवासी महिला को देश के प्रथम पद से नवाजा जाना 75 वर्षों के इतिहास में पहला कदम है। बांसवाड़ा में जनजाति गौरव यात्रा में शामिल होने के लिए शनिवार रात को त्रिपुरा सुदरी के दरबार में पहुंचे। प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा कि जनजाति नेताओं की इच्छा थी कि देश की राष्ट्रपति जब पद की शपथ लें। तब वह उनके बीच में रहे। इस मंशा को ध्यान में रखकर वह यहां आए हैं। डॉ. पूनिया के साथ प्रदेश महामंत्री सुशील कटारा, प्रदेश उपाध्यक्ष हेमराज मीणा, भाजपा जिलाध्यक्ष गोविंदसिंह राव, ST मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र मीणा, आपदा विभाग के प्रदेश संयोजक डॉ. जिनेंद्र शास्त्री एवं अन्य बड़े नेता मौजूद थे। इससे पहले उदयपुर से बांसवाड़ा आ रहे पूनिया का जगह-जगह पर स्वागत हुआ।पहुंचते ही माता के दरबार में पहुंचेशनिवार रात करीब 9 बजे प्रदेशाध्यक्ष पूनिया मां त्रिपुरा सुंदरी के दरबार में पहुंचे। उन्होंने मां के दर्शन किए। इसके बाद कुछ समय कार्यकर्ताओं के बीच फोटो सेशन में बिताया। जयपुर से आए नेताओं को उन्होंने स्पष्ट किया कि वह लोकल नेताओं के बीच ही रहेंगे। जयपुर से आने वाले नेता कहीं भी बीच में फंसावट नहीं करेंगे।युवाओं में पैदल चलने की चिंताइधर, पूनिया रात्रि विश्राम के लिए गेस्ट हाउस पहुंचे तो युवाओं के बीच पैदल यात्रा को लेकर बहस छिड़ गई। यात्रा के दौरान कैसे जूते पहनने हैं। बरसात से कैसे बचना है। इतने किलोमीटर तक बिना रूके लगातार कैसे चलना है। इन बातों को लेकर खासी चर्चा हुई। युवाओं ने 25 किलोमीटर की यात्रा को लेकर स्पोट्स शूज के साथ चप्पलें रखने का निर्णय किया।नकल माफिया ने नौजवानों के पेट पर लात मारी, खनन माफिया ने जीना दुश्वार कियापत्रकारों से रूबरू हुए डॉ. पूनिया ने कहा कि कांग्रेस के साढ़े तीन साल के शासन में सात लाख मुकदमे दर्ज हुए हैं। राजस्थान अपराधों की राजधानी बन गया है। भरतपुर में बृज भूमि (चौरासी) में महंत विजयदास महाराज का आत्मदाह भी सरकार की लापरवाही का मामला है, जहां 551 दिन से धरने पर बैठे महंत की सरकार ने नहीं सुनी। अंतोगत्वा साधु को आत्मदाह करना पड़ा। अब सरकार लीपापोती कर खनन पर रोक लगाने का ढांेग कर रही है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री भरतसिंह ने ही खनन मंत्री प्रमोद भाया से इस्तीफा मांगा है। सीएम को इस्तीफा लेना भी चाहिए। ERCP का मुद्दा वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में हुआ था। गहलोत सरकार का कोई योगदान नहीं है। राजस्थान में 50 साल से कांग्रेस रही है, जहां इंदिरा गांधी नहर के अलावा कोई योजना नहीं बनी। राज्य सरकार इसे राजनीति का विषय बना रही है, जबकि केंद्र सरकार ने हर मुद्दे को स्पष्ट कर दिया है। बता दें कि रविवार को CM गहलोत ने ERCP को लेकर बैठक बुलाई है, जिसमें पूनिया शामिल नहीं होंगे, लेकिन उन्होंने CM गहलोत पर राजनीति करने के आरोप लगाए हैं।BTP और NTP पर कुछ नहीं बोलेबांसवाड़ा में जनजाति गौरव यात्रा निकालने के पीछे पार्टी के उद्देश्य पर बोल रहे डॉ. पूनिया ने BTP और आदिवासी परिवार की विचारधारा वाली नई पार्टी NTP (नेशनल ट्राइबल पार्टी) को लेकर कुछ भी नहीं बोला। वह इस मुद्दे को लेकर अनजान ही बने रहे। केवल इतना कहा कि देश में 7 सौ राजनीतिक दल हैं। सभी को उनके ढंग से राजनीति करने का अधिकार है। ऐसा करते भी आ रहे हैं। जनसंघ से भाजपा और भाजपा से सत्ता तक पहुंचने के दौरान ऐसे कई विरोध भाजपा के सामने खड़ें हुए हैं।

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