महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की बधाई दी। शिंदे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा- मां जगदम्बा से कामना करता हूं कि आपकी उम्र लंबी हो। उद्धव ठाकरे बुधवार को 62 साल के हो गए। शिंदे की ओर से यह बधाई संदेश उद्धव के ‘सामना’ को दिए इंटरव्यू के बाद आया है। इंटरव्यू में उद्धव ने शिंदे को लेकर विवादित टिप्पणी की थी।उद्धव बोले- शिंदे और बागी विधायक सड़े हुए पत्ते जैसे’सामना’ के कार्यकारी संपादक संजय राउत को दिए इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर जमकर प्रहार किया। उद्धव बोले- अगर मैंने उसे (शिंदे को) मुख्यमंत्री बना भी दिया होता तो उसके इरादे शैतानी हैं। सड़े हुए पत्तों को पेड़ से गिर ही जाना चाहिए। जिन्हें पेड़ ने सब कुछ दिया, वे खुद ही पेड़ को छोड़कर जा रहे हैं। जिन्हें सबसे ज्यादा फायदा मिला, वही पार्टी छोड़कर गए।उद्धव ठाकरे ने इंटरव्यू के दौरान भाजपा को भी निशाने पर लिया। उद्धव ने कहा- बिहार में भाजपा नीतीश को सपोर्ट करती है। क्या नीतीश हिंदुत्ववादी हैं?ये वो लोग थे, जो अपनी ही मां (असली शिवसेना) को निगल जाना चाहते हैं, लेकिन मां तो आखिर मां होती है। हम साधारण लोगों में से असाधारण लीडर्स बनाएंगे। उन्होंने कहा- शिवसेना बालासाहेब की पार्टी है और उसे ठाकरे परिवार से कोई अलग नहीं कर सकता है।उद्धव के जन्मदिन पर उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट किया है। आदित्य ने लिखा है- पिता और मेरे नेता को बधाई। मैंने उनसे ईमानदारी और दयालुता सीखी है। मुझे वे रोज कुछ नया करने के लिए प्रेरित करते हैं।दिल्ली और महाराष्ट्र की लड़ाई का इमोशनल दांवउद्धव ने इंटरव्यू के दौरान इमोशनल दांव भी खेला। उन्होंने कहा- दिल्ली ने मेरे पीठ में छुरा घोंपा। महाराष्ट्र सरकार गिराने की साजिश तब की गई, जब मैं अस्पताल में भर्ती था और हिल भी नहीं पा रहा था। उद्धव के इस बयान को मराठी वर्सेज दिल्ली की लड़ाई बनाने के दांव के रूप में देखा जा रहा है।शिवसेना किसकी, कोर्ट और आयोग में मामला65 साल पुरानी शिवसेना किसकी है? इसका मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के पास है। सुप्रीम कोर्ट में 1 अगस्त को शिंदे गुट के 16 बागियों की सदस्यता समेत 5 याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। इधर, आयोग ने भी 8 अगस्त तक शिंदे और उद्धव गुट से जवाब दाखिल करने को कहा है।उद्धव गुट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिकाउद्धव गुट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका लगाई गई है। विनायक भाऊराव राउत और राजन विचारे द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि लोकसभा में पार्टी के नेता और साथ ही शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में गलत और मनमाने ढंग से एकतरफा फैसला करते हुए उन्हें हटा दिया गया है।याचिका में मांग की गई है कि लोकसभा अध्यक्ष के 19 जुलाई, 2022 को किए गए फैसले को जिसमें राहुल शेवाले और भावना गवली को लोकसभा में शिवसेना के नेता और मुख्य सचेतक के रूप में मान्यता दी गए है, उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट रद्द करे। साथ ही और विनायक राउत को 17वीं लोकसभा में शिवसेना के नेता और राजन विचारे को शिवसेना का मुख्य सचेतक घोषित करने का निर्देश दिया जाए।शिवसेना में उद्धव और शिंदे गुट को लेकर 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट में अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी।20 जून को शुरू हुआ था शिवसेना का सियासी संकटमहाराष्ट्र में राज्यसभा और विधानपरिषद् चुनाव के बाद 20 जून को शिवसेना का सियासी संकट शुरू हुआ था। कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे समेत 30 विधायक मुंबई से पहले सूरत और फिर गुवाहाटी के लिए निकल गए। 10 दिनों तक चले सियासी ड्रामे के बाद उद्धव ठाकरे ने 29 जून को इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद 30 जून को एकनाथ शिंदे भाजपा के सपोर्ट से मुख्यमंत्री बने थे।

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