विदिशा: नगरीय निकाय चुनावों की समीक्षा को लेकर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी विदिशा द्वारा निजी गार्डन में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कांग्रेस के 6 विजयी पार्षदों का पुष्प मालाओं से कांग्रेस कार्यकतार्ओं ने स्वागत किया। बैठक में सभी प्रत्याशियों ने निर्धारित प्रपत्र में चुनाव संबंधी जानकारी सौंपी और अपने चुनावी अनुभवों को साझा किया।कई प्रत्याशियों ने सुझाव दिया कि भले ही वे चुनाव हार गए हैं फिर भी वे वार्ड में आभार यात्रा निकालकर मतदाताओं का आभार व्यक्त करेंगे। किस तरह से आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को जिताया जाए इसे लेकर भी सुझाव व्यक्त किए और विधानसभा चुनावों में अपना-अपना वार्ड कांग्रेस पार्टी को जिताने का संकल्प लिया।बैठक को संबोधित करते हुए विधायक शशांक भार्गव ने कहा कि विदिशा नगर पालिका चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने पूरी शिद्दत से चुनाव लड़ा। चुनाव परिणाम आशानुकूल नहीं रहे लेकिन चुनाव प्रचार और घोषणापत्र के जरिए हम विदिशा के लोगों की भावनाएं प्रतिबिंबित करने में सफल रहे हैं। जिस तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुझ पर और कांग्रेस पार्टी पर बेबुनियाद आरोप लगाए, मतदाताओं को धमकाया। उसके बावजूद समस्त 39 पार्षद प्रत्याशियों एवं कांग्रेस कार्यकतार्ओं ने लोकतंत्र के मूल्यों और नैतिकता को कायम रख कर कांग्रेस पार्टी की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाया है।चुनावों के दौरान भाजपा प्रत्याशियों ने किस तरह से शराब, पैसा बांटा है, धनबल-बाहुबल, सरकारी मशीनरी का प्रयोग किया है ये किसी से छिपा नहीं है। इसके बावजूद 10 वार्डों में कांग्रेस प्रत्याशी 80 से 180 के मामूली अंतर से चुनाव हारे हैं। हम मानते हैं कि चुनाव लड़ने के तरीके में या मतदाताओं का भरोसा जीतने में कहीं कोई कमी रही हो उसकी समीक्षा कर सुधार करेंगे। जनता ने विपक्ष की भूमिका दी है पूरी मुस्तैदी के साथ जनसमस्याओं और जनहित के मुद्दों को लेकर कांग्रेस पार्टी का संघर्ष निरंतर जारी रहेगा। बैठक को कांग्रेस नेता नरेंद्र पीतलिया, नंदकिशोर शर्मा, मजीद मंसूरी, अजय दांतरे, शहर अध्यक्ष सुरेश मोतियानी, अजय कटारे, ग्रामीण अध्यक्ष नरेंद्र रघुवंशी, अवधेश दुबे, गोविंद राजपूत, वैभव भारद्वाज, पूर्व पार्षद नवनीत कुशवाह ने भी संबोधित किया।कांग्रेसियों ने ही कांग्रेस प्रत्याशी को हरायासमीक्षा के दौरान हारे हुए कांग्रेस प्रत्याशियों को एक फॉर्मेट दिया गया था। जिसमें हारने के कारण का कॉलम था। इस पर कई उम्मीदवारों ने अपने नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रत्याशियों को सपोर्ट न करते हुए उन्हें हराने का काम किया है। इसके लिए उन्होंने भाजपा प्रत्याशी के साथ मीटिंग करके अपने ही प्रत्याशी के बारे में रणनीति उन्हें बता दी। जिससे अधिकांश वार्डों में कांगे्रस प्रत्याशी हार गए। अब ऐसे में यह सवाल उठता है कि कांग्रेस संगठन इन कांग्रेसियों पर क्या कार्यवाही करती है और यदि कार्यवाही की तो शहर के बहुत सारे कांगे्रसी नेताओं के नाम सामने आएंगे। अब देखना यह है कि संगठन क्या कार्रवाई करता है।

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