भारतीय रिज़र्व बैंक ने लोन से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है। जिसका असर छोटे व्यापारियों और किसानों पर पड़ेगा। इससे संबंधित सर्कुलर भी RBI ने जारी किया गया है। नए नियमों के तहत अब बैंकों को एग्रीकल्चर और एमएसएमई लोन के लिए सोने या चांदी के गहनों और सिक्कों को भी कॉलेट्रल के तौर पर स्वीकार करने की अनुमति होगी।
केन्द्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि इस फैसले से कॉलेट्रल-फ्री लोन की सुविधा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उधारकर्ता गोल्ड-सिल्वर गिरवी रखना चाहते हैं या नहीं, यह पूरी तरह से उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा। बैंक ग्राहकों को कुछ गिरवी रखने के लिए मजबूर नही कर पाएंगे। इस फैसले के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में कर्ज लेना आसान होगा, जिससे क्रेडिट के आंकड़ो में वृद्धि होगी।
इन बैंकों पर नियम होगा नियम
नए नियम सभी कमर्शियल बैंक पर लागू होंगे। जिसमें लघु वित्त बैंक, लोकल एरिया बैंक और ग्रामीण क्षेत्र बैंक भी शामिल हैं। इसके अलावा प्राइमरी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक ( स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक, डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक) पर भी प्रभावी होगा। इसके अलावा सभी नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनी पर को इनका पालन करना होगा। इस लिस्ट में पेमेंट बैंक को शामिल नहीं किया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि आरबीआई ने इस संबंध में जून 2025 में एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन भी जारी किया था, फीडबैक के लिए लोगों को आमंत्रित भी किया था।
समझें क्या-क्या बदल जाएगा?
उधारकर्ता अब दस लाख रूपये तक के लोन के लिए गोल्ड या सिल्वर को गिरवी रख सकते हैं। कॉलेट्रल-फ्री लोन के लिए यह आप्शनल होगा। PMEGP योजना के तहत 10 लाख रूपये तक के लिए किसी कॉलेट्रल का प्रावधान नहीं होगा। वहीं 2 लाख रुपये के कृषि ऋण के लिए भी कुछ गिरवी रखने की जरूरत नही होगी। बदलाव के बाद भी अच्छा क्रेडिट रिकॉर्ड रखने वाले सूक्ष्म और लघु उद्यम के लिए 25 लाख रुपये तक का लोन कॉलेट्रल-फ्री होगा।
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