अमृतसर: स्टेट टॉपर अर्शदीप कौर अपने माता-पिता के साथ।पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की तरफ से घोषित 12वीं के परिणामों में पहले तीन स्थानों पर लड़कियां रहीं। इतना ही नहीं, तीनों ही सरकारी स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर रही थी। टॉप करने की सूचना मिली तो कल से ही बधाइयों का सिलसिला जारी है। लेकिन इन तीनों बेटियों के पीछे उनकी मेहनत ही है, जिसके चलते वे आज इस मुकाम को हासिल कर पायी हैं।बोर्ड की तरफ से घोषित परिणामों में लुधियाना के शिमलापुरी तेजा सिंह मेमोरियल सीनियर सेकेंडरी स्कूल शिमला पुरी की ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम की अर्शदीप कौर ने पहला स्थान, मानसा के बछोआना सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल की अर्शदीप कौर दूसरे और सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल जैतो फरीदकोट की कुलविंदर कौर तीसरे स्थान पर रही। तीनों लड़कियों ने 500 में से 497 अंक प्राप्त किए। लेकिन तीनों के जन्म में महीनों के अंतर ने उन्हें पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर ला दिया। लेकिन तीनों की मेहनत व लगन एक जैसी ही थी।कोरोना ना होता तो दसवीं में भी टॉप करती – अर्शदीप कौरपंजाब में टॉप करने वाली मैकेनिक की बेटी अर्शदीप कौर ने प्रदेश में पहला स्थान पाया है। अर्शदीप का सपना पहले से ही प्रदेश में टॉप करने का था। दसवीं में भी वह यह मुकाम हासिल करना चाहती थी, लेकिन कोरोना के कारण उसका यह सपना अधूरा रह गया।अर्शदीप बताती है कि अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व अध्यापकों को दिया। जिस समय उसे फोन आया, वे अमृतसर थी। तुरंत ही वे लुधियाना के लिए निकल गए। अर्शदीप बताती है कि उसकी इस सफलता के पीछे फोकस है। पढ़ाई के सिवा उसे कुछ नहीं दिखता था। दिन में वह 7 से 8 घंटे तक सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान देती थी। आज उसका अगना टर्गेट IAS बनना है, जिसकी तैयारी अब वह साथ-साथ करेगी।अर्शप्रीत कौर अपने माता-पिता के साथ।पिता के पास नहीं थे ट्यूशन के पैसे, खुद की तैयारीपंजाब में दूसरा स्थान हासिल करने वाली बछोआना की अर्शप्रीत कौर के पिता किसान है। दो एकड़ जमीन पर खेती कर घर का गुजारा चलता है। अर्शप्रीत के पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे उसे ट्यूशन पढ़ा सके। अर्शप्रीत के पिता जगजीत सिंह बताते हैं कि अर्शप्रीत ने इस मुकाम को पाने के लिए दिन रात मेहनत की। रात कई बार वह उठते तो देखते थे कि अर्शप्रीत किताबें खोल पढ़ रही होती थी।अर्शप्रीत का कहना है कि उसका भी सपना भी IAS अधिकारी बनने का है। 12वीं में टॉप करने के बाद परिवार को भी उससे आस जगी है। किसी भी तरह से उसकी IAS की तैयारी के लिए परिवार पैसों का इंतजाम करेगा।कुलविंदर कौर परिवार के साथ खुशी मनाते हुए।ताइक्वांडो प्लेयर भी है कुलविंदरस्टेट में तीसरा स्थान पाने वाली फरीदकोट के गांव जैतो की कुलविंदर सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, खेलों में भी जिले को पदक दिलाती रही है। बीते साल ही उसने स्टेट लेवल प्रतियोगिता में मैडल हासिल किया था। कुलविंदर साधारण परिवार से ताल्लुक रखती है। पिता बलबीर सिंह ईंट भट्ठे पर मुनीम हैं।कुलविंदर का सपना विदेश जाने का है। कुलविंदर कौर ऑस्ट्रेलिया में जाकर लॉ करना चाहती है। कुलविंदर कौर ने बताया कि अब आईलेट्स का टेस्ट पास कर ऑस्ट्रेलिया में कानून की पढ़ाई करना चाहती है।

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