आगरा: बाजार में बिकने के लिए गणपति की प्रतिमाएं तैयार हो रही हैंरक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस बीतने के बाद अब गणेश चतुर्थी की तैयारियां जोरों शोरों पर हैं। बाजारों में गणपति की मूर्तियां सज गयी हैं। कोविड काल के बाद इस बार गणपति घर-घर विराजमान होंगे और जगह-जगह पांडाल सजाए जाएंगे। शहर में इस बार 21 फुट ऊंची ईको फ्रेंडली गणपति की प्रतिमा सबसे मुख्य आकर्षण है।गणेश चतुर्थी को लेकर कुम्हार बीते दो माह से तैयारियां कर रहे हैं। बाजार में 50 रुपये से 4 हजार रुपये तक की प्रतिमाएं हैं। शहर में मूर्तियों के सबसे बड़े बाजार घटिया आजम खां में दुकानदारों ने अपनी दुकानें सजा ली हैं। लोहामंडी गोकुलपुरा और नामनेर में कुम्हार लगातार मूर्तियां तैयार कर रहे हैं।21 फुट की गणपति की प्रतिमा इको फ्रेंडली तरीके से मिटटी से बनाई जा रही हैमिट्टी पर पीओपी भारीपंचकुइयां निवासी मूर्तिकार सुरेश प्रजापति के अनुसार इस बार भी मिट्टी काफी महंगी है। जो मिट्टी मूर्ती बनाने में इस्तेमाल होती है, उसे मंगाने में ही काफी दिक्कत आ रही है। इस बार भी बाजार में सबसे ज्यादा प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां ही बिकेंगी। अच्छी फिनिशिंग और चमकदार होने के कारण लोगों को यह बहुत पसंद आती है।21 फुट के गणपति हैं विशेष आकर्षणआगरा के नामनेर निवासी लोकेश राव हर बार ईको फ्रेंडली गणपति की मूर्तियां बनाते हैं। इस बार भी उन्होंने 100 से ज्यादा मूर्तियां बनाई हैं। उन्होंने आर्डर पर नागपुर से 5 कारीगरों को बुलाकर विशेष 21 फुट की गणपति की ईको फ्रेंडली प्रतिमा बनाई है।रिद्धि सिद्धि के अंदर आम के बीज डाले गए हैं ,विसर्जन के लिए जहँ भी प्रतिमा राखी जायेगी वहां पेड़ निकलेंगेलोकेश के अनुसार 14 फुट के गणपति, 3 फुट की चौकी और 4 फुट की गाड़ी मिलाकर प्रतिमा की ऊंचाई 21 फुट है। गुजरात से लाई दो प्रकार की मिट्टी, घास और बम्बई से लाये विशेष ईको फ्रेंडली कलर का इस्तेमाल किया जा रहा है। जून से मूर्ति पर काम हो रहा है। अभी इसे फाइनल टच देना बाकी है।मूर्ति की खास बात यह है की इसमें रिद्धि सिद्धि की आकृति के अंदर आम के बीज डाले गए हैं। जहां भी इनका विसर्जन होगा, वहां आम का पेड़ उग जाएगा और विसर्जन हमेशा के लिए यादगार हो जाएगा।नामनेर निवासी लोकेश हर बार ईको फ्रेंडली प्रतिमाएं बनाते हैंनदी में नहीं होगा विसर्जनप्रशासन ने इस बार भी विसर्जन के लिए यमुना नदी किनारे घाटों पर गड्ढा बनवाकर उसमे पानी भरवाने की तैयारी की है। लोग नदी में विसर्जन नहीं कर पाएंगे। हर घाट पर पुलिस विसर्जन करने वालों का रिकार्ड भी रखेगी।

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