कौन है IPL के इतिहास में सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा खिलाड़ी? ये पूर्व तेज गेंदबाज, नाम सुनकर यकीन नहीं होगा
आईपीएल में खेलने वाले ज्यादातर खिलाड़ी या तो स्कूल के बाद क्रिकेट में लग जाते हैं या फिर कॉलेज की पढ़ाई के साथ क्रिकेट को बैलेंस करते हैं। लेकिन एक खिलाड़ी ऐसा भी रहा है जिसने क्रिकेट के साथ-साथ एस्ट्रोफिजिक्स जैसे मुश्किल विषय में पीएचडी भी की है। ये नाम है आविष्कार साल्वी का। दरअसल तेज गेंदबाज रहे साल्वी का क्रिकेट करियर ज्यादा लंबा नहीं चला, लेकिन पढ़ाई के मामले में उन्होंने बड़ी मिसाल कायम की।
दरअसल IPL के इतिहास में सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा खिलाड़ी बनने का खिताब आविष्कार साल्वी के नाम है। उन्होंने एस्ट्रोफिजिक्स में Ph.D. की डिग्री हासिल की है, जो बेहद मुश्किल और टेक्निकल फील्ड मानी जाती है। आमतौर पर खिलाड़ी मैदान और नेट्स पर घंटों बिताते हैं, लेकिन साल्वी ने पढ़ाई को भी उतनी ही अहमियत दी।
जानिए आविष्कार साल्वी का क्रिकेट करियर
दरअसल साल्वी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें हमेशा से विज्ञान और यूनिवर्स की चीजों में दिलचस्पी रही है। उन्होंने क्रिकेट के साथ पढ़ाई को कभी बोझ नहीं समझा। Ph.D. करने के दौरान भी उन्होंने अपनी ट्रेनिंग और रिसर्च को बैलेंस रखा। ये अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि Ph.D. जैसे कोर्स में लगातार गहराई से अध्ययन और अनुशासन की जरूरत होती है। वही करियर की बात की जाए तो आविष्कार साल्वी ने भारत के लिए वनडे डेब्यू 11 अप्रैल 2003 को बांग्लादेश के खिलाफ किया था। तेज गेंदबाज साल्वी ने शुरुआती मैचों में अच्छी गति और लाइन-लेंथ से सबका ध्यान खींचा। हालांकि चोटों और कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते वह ज्यादा समय तक टीम इंडिया में अपनी जगह नहीं बना सके। उनका आखिरी इंटरनेशनल मैच 18 नवंबर 2003 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुआ था।
क्रिकेट के बाद क्या कर रहे हैं आविष्कार साल्वी?
वहीं इसके बाद उन्होंने IPL में Delhi Daredevils की तरफ से खेला। हालांकि IPL में भी उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन उनके गेंदबाजी एक्शन की तुलना अक्सर ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्ग्राथ से की जाती रही है। मैदान पर भले ही उनका करियर लंबा ना रहा हो, लेकिन ड्रेसिंग रूम में वह हमेशा एक गंभीर और अनुशासित खिलाड़ी माने जाते थे। दरअसल क्रिकेट छोड़ने के बाद साल्वी ने कोचिंग और टेक्निकल विश्लेषण की दुनिया में कदम रखा। वे मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के साथ जुड़कर युवा गेंदबाजों को ट्रेनिंग दे चुके हैं। साथ ही BCCI के साथ भी उन्होंने चयनकर्ता और सपोर्ट स्टाफ के रूप में काम किया है।

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