एक बार फिर फिनलैंड ने कमाल कर दिया है। यह लगातार आठवीं बार सबसे खुशहाल देश बना हुआ है। फिनलैंड के नागरिकों के बीच आपसी तालमेल, उनका विश्वास और सहयोग सराहनीय है। जबकि भारत ने इस सूची में 126 वा स्थान पाया है। जो दिखा रहा है कि इसमें सुधार हुआ है। लेकिन इस सुधर के बावजूद भी भारत पाकिस्तान (109) और नेपाल (92) जैसे देशों से पीछे नजर आ रहा है। इससे दिखाई देता है कि भारत को अभी भी समाज की आर्थिक चुनौतियों पर ध्यान देने की जरूरत है।
जबकि रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में खुशी के स्तर को कई चीज़े प्रभावित कर रही है, जिसमें आर्थिक स्थिति, सामाजिक संबंध, स्वास्थ्य सेवाएँ और व्यक्तिगत स्वतंत्रता जैसी चीज़े सामने आ रही है।
देश में ये राज्य सबसे ज्यादा खुश
वहीं भारत के विभिन्न राज्यों में खुशी के स्तर को देखें तो यह भी भिन्न-भिन्न है। जैसे हिमाचल प्रदेश और पंजाब, में लोग बाकी राज्यों के मुताबिक ज्यादा खुश हैं, इन जगहों पर समाज में एकजुटता हैं। जबकि अन्य राज्यों में आर्थिक और सामाजिक चुनौतियाँ का सामना समाज को करना पड़ रहा हैं, जो लोगों की खुशी को प्रभावित कर रही हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग आमतौर पर एक साथ मिलकर सभी त्योहार मनाते हैं, यही कारण है कि इन सभी के बीच आपसी सहयोग और समर्थन की भावना है।
देश को इसकी है जरूरत
वहीं दूसरी तरफ शहरी क्षेत्रों पर नजर डालें तो यहाँ लोग आमतौर पर अकेलेपन और तनाव के शिकार हो रहे हैं। जिसके कारण उनकी खुशी प्रभावित हो रही है।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि खुशी का अनुभव केवल पैसे से ही नहीं है, बल्कि अच्छे रिश्तों, सहयोग और सामाजिक समर्थन से भी है। गैलप के CEO जॉन क्लिफ्टन की मानें तो खुशी का असल स्तर इस बात पर निर्भर है कि समाज में आपसी विश्वास और सहयोग का स्तर कितना है। ऐसे में भारत को अपने सामाजिक ढांचे में सुधार करने की आवश्यकता है।
