
सुनील नारायण
इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल के 18वें सीजन में मैदानी अंपायर और चौथे अंपायर को मैच के दौरान बल्लेबाजों के बल्ले के टेस्ट करने के छूट दी गई है, जिसमें अंपायर गेज टेस्ट के जरिए ये चेक करते हैं कि बल्ला मानक के अनुसार है या नहीं। आईपीएल के इस सीजन में कई मैचों के दौरान फैंस ने इसे देखा भी है, जिसमें मैदान के अंदर आने के बाद अंपायर अपने पास से टेस्ट के लिए प्रयोग किए जाने वाले यंत्र को निकालकर बल्ले को चेक करता है, ऐसा ही कुछ 15 अप्रैल को पंजाब किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेले गए मुकाबले में भी देखने को मिला जिसमें केकेआर टीम के तीन प्लेयर्स का बल्ला इस गेज टेस्ट में फेल होने के बाद उन्हें लाइव मैच के दौरान अपने बल्ले को बदलना पड़ा।
सुनील नारायण, आंद्रे रसेल और एनरिक नॉर्खिया का बल्ला गेज टेस्ट में हुआ फेल
केकेआर की टीम को पंजाब किंग्स के खिलाफ 112 रनों का टारगेट मिला था, जिसका पीछा करने में वह असफल रहे और उन्हें 16 रनों से मैच में हार का सामना करना पड़ा। केकेआर की टीम जब टारगेट का पीछा कर रहे थी तो उसमें अंपायर ने सबसे पहले उनके ओपनिंग बल्लेबाज अंगकृष रघुवंशी का बल्ला चेक किया तो वह नियमों के अनुसार था लेकिन इसके बाद जैसे ही अंपायर ने सुनील नारायण के बल्ले को चेक किया तो वह नियमों पर खरा नहीं उतरा और उन्हें तुरंत अपना बल्ला बदलना पड़ा। वहीं इसके बाद केकेआर की पारी के 11वें ओवर के दौरान जब आंद्रे रसेल बल्लेबाजी कर रहे थे तो उनका भी बल्ला मैदानी अंपायर ने चेक किया तो वह भी नियम के अनुसार नहीं था और उन्हें भी तुरंत अपना बल्ला बदलना पड़ा। इस मैच में केकेआर टीम का हिस्सा तेज गेंदबाज एनरिक नॉर्खिया को भी बल्लेबाजी करने का मौका मिला जिसमें जब मैदान पर आए तो उनका बल्ला भी चेक हुआ जो मानक के अनुरूप नहीं था, जिसके बाद उनका भी बल्ला बदला गया।
आखिर गेज टेस्ट नियम में बल्ले का मानक क्या है
टी20 क्रिकेट आने के बाद से बल्लेबाज कई ऐसे शॉट खेलते हुए दिखाई देते हैं, जिसको देख फैंस हैरान रह जाते हैं। ऐसे में उनके बल्ले को लेकर भी कई बार शक हुआ जिसके चलते आईपीएल के मौजूदा सीजन में गेज टेस्ट के नियम को लागू किया गया है। इस नियम में बल्ले की लंबाई 96.4 सेंटीमीटर से अधिक नहीं चाहिए। वहीं बल्ले के किनारों की चौड़ाई 4 सेंटीमीटर से अधिक नहीं हो सकती। वहीं बल्ले के उभरे हुए हिस्से की मोटाई को लेकर बात की जाए तो वह 6.7 सेंटीमीटर से अधिक नहीं हो सकती, जबकि बल्ले के सामने वाले हिस्से की चौड़ाई 10.79 सेंटीमीटर तक हो सकती है। इन मानकों में यदि किसी एक में बल्ला गेज टेस्ट में फेल होता है तो बल्लेबाज को तुरंत मैच के दौरान अपने बल्ले को बदलना होगा।
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