गुजरात कई जिलों में 3 दिन और भारी बारिश की चेतावनी, निचले इलाके हुए जलमग्न; सैकड़ों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया
गुजरात कई हिस्सों में भारी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। बारिश के पानी के कारण कई निचले इलाके जलमग्न होने से वहां बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। ऐसे में सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों में जाना पड़ा है। मौसम विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार सुबह तक राज्य के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के साथ ही कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसके बाद प्रशासन ने कमर कस ली है। राज्य शिक्षा विभाग ने मंगलवार को प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों में छुट्टी घोषित कर दी है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार को सौराष्ट्र क्षेत्र के मोरबी, कच्छ, राजकोट, सुरेंद्रनगर और भावनगर जिलों और दक्षिण गुजरात के भरूच और डांग सहित सभी प्रमुख शहरों के जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षकों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक ऑनलाइन बैठक की। इससे पहले मुख्यमंत्री ने रविवार को भी सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने और बारिश की स्थिति पर लगातार नजर रखते हुए लोगों और उनके पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था।
पटेल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमितभाई शाह ने गुजरात में भारी बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति का ब्योरा लेने के लिए आज मुझसे टेलीफोन पर बातचीत की। उन्होंने आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया है, जिसमें जरूरत पड़ने पर राज्य में राहत एवं बचाव तथा आपदा प्रबंधन के लिए केंद्रीय बलों से और मदद भेजना शामिल है।”
सैकड़ों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया
गुजरात में वर्षाजनित घटनाओं में अब तक तीन लोगों की मौत हो गई तथा सात अन्य लापता हो गए। सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वहीं, मोरबी जिले के हलवद तालुका में एक पुल से गुजरते समय एक ट्रॉली ट्रैक्टर के बह जाने से सात लोग लापता हो गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के लगभग 20 घंटे के तलाशी अभियान के बावजूद उनका पता नहीं चल सका। धावना गांव के पास घटी इस घटना में ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार 17 लोगों में से 10 को देर रात में चलाए गए अभियान में बचा लिया गया और बाकी सात की तलाश जारी है।
इसके अलावा, साबरकांठा जिले में कटवाड़ गांव के पास एक कार पानी के तेज बहाव में बह गई, जिसमें दो लोग सवार थे। स्थानीय लोगों की सूचना पर दमकल कर्मियों ने उन्हें बचा लिया।
भारी बारिश के बीच छोटा उदयपुर जिले में भारज नदी में पानी के तेज बहाव के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग 56 पर एक पुल का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई।
छोटा उदयपुर के कलेक्टर अनिल धमेलिया ने कहा कि भारी बारिश के कारण भारज नदी में पानी का प्रवाह बढ़ गया, जिससे स्तंभ संख्या तीन के पास पुल क्षतिग्रस्त हो गया।
वडोदरा, आणंद, खेड़ा और पंचमहल जिलों में सोमवार को बहुत भारी बारिश हुई, जिससे निचले इलाकों और अंडरपास में जलभराव हो गया और कई लोग फंस गए। बरसाती नदी-नालों का जलस्तर बढ़ जाने से नवसारी तथा वलसाड जिलों के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं।
कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द करने को कहा गया
गुजरात के रिलीफ कमिश्नर आलोक कुमार पांडे ने बताया, “पिछले 24 घंटे में बारिश से संबंधित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि इस मौसम में अब तक मरने वालों की कुल संख्या 99 हो गई है।”
पांडे ने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए सभी प्रमुख शहरों के जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षकों, जिला विकास अधिकारियों (डीडीओ) और नगर आयुक्तों के साथ एक ऑनलाइन बैठक की।
पांडे ने कहा कि आईएमडी द्वारा जारी रेड अलर्ट के मद्देनजर सभी कलेक्टर को अपने कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि दक्षिण गुजरात में इस मौसम की औसत वार्षिक वर्षा की 105 प्रतिशत और कच्छ में 95.8 फीसदी बारिश हो चुकी है, जबकि मध्य, उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र में क्रमशः 77 प्रतिशत, 70.74 फीसदी और 91 प्रतिशत बारिश हुई है।
पांडे ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और तटरक्षक बल की मदद से अब तक 1,653 लोगों को बचाया गया है। इसके अलावा एहतियात के तौर पर अब तक 17,800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
राज्य इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (एसईओसी) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को सुबह 6 बजे तक पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक 356 मिलीमीटर बारिश नवसारी जिले की खेरगाम तालुका में दर्ज की गई। इस अवधि के दौरान, डांग जिले के डांग-अहवा तालुका में 268 मिमी और कपराडा (वलसाड जिला) में 263 मिमी बारिश हुई। आणंद के बोरसाद तालुका में 268 मिमी बारिश हुई, इसके बाद वडोदरा जिले के वडोदरा तालुका में 262 मिमी और खेड़ा जिले की नाडियाड तालुका में 232 मिमी बारिश हुई।
गुजरात में एनडीआरएफ की 13, एसडीआरएफ की 22 टीमें तैनात
वार्ता के अनुसार, गुजरात के वर्षा प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की 13 व एसडीआरएफ की 22 टीमें तैनात की गई हैं। कच्छ व सौराष्ट्र क्षेत्र में भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए वहां के जिलों के कलेक्टरों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सोमवार को गांधीनगर में उच्च स्तरीय बैठक में बताया गया कि राज्य में अब तक 17,827 लोगों का स्थानांतरण किया गया और 1,653 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की 13 व एसडीआरएफ की 22 टीमें तैनात की गई हैं, जो राहत एवं बचाव कार्य में सहायता कर रही हैं। सोमवार सुबह 6 बजे तक पिछले 24 घंटे में 33 जिलों की 244 तहसीलों में वर्षा दर्ज हुई है। इस अवधि के दौरान राज्य में 63.36 प्रतिशत वर्षा हुई है तथा सर्वाधिक 356 मिलीमीटर वर्षा नवसारी जिले के खेर गांव में दर्ज हुई है। शाम 6 बजे तक पिछले 12 घंटे में के दौरान वडोदरा जिले के पादरा में सर्वाधिक 270 मिलीमीटर वर्षा हुई। इस प्रकार गुजरात में इस वर्ष मौसम की 91.88 प्रतिशत से अधिक वर्षा हो चुकी है।
मौसम विभाग ने राज्य में आगामी दो-तीन दिनों तक व्यापक तथा भारी वर्षा के किए गए अनुमान तथा रेड अलर्ट दिए जाने के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
राज्य के 206 में से 59 जलाशय हुए फुल
बताया जा रहा है कि राज्य के 206 में से 59 जलाशय 100 प्रतिशत भर चुके हैं, 72 जलाशय हाई अलर्ट व 22 जलाशय अलर्ट पर रखे हैं और नौ जलाशयों के लिए छलक जाने की चेतावनी दी गई है। सात नदियाँ ओवरफ्लो हुई हैं। इसके अलावा गुजरात की जीवनडोर समान सरदार सरोवर नर्मदा बांध में कुल संग्रहण क्षमता का 88.74 प्रतिशत यानी 2,96,459 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) पानी का संग्रह है। वर्षा के चलते समग्र गुजरात में 7009 गांवों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई थी, जिनमें से 6,977 गाँवों में विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी गई है। इतना ही नहीं वर्षा से क्षतिग्रस्त हुए 6,090 बिजली के खंभों में से 5,961 की मरम्मत कर दी गई है। राज्य में हाल में सूरत, नवसारी, वलसाड, तापी, डांग व छोटा उदेपुर जिलों में कुल 523 सड़क मार्ग बंद हैं।
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