किसी भी इंसान की पहली शिक्षक तो उसकी मां ही होती है। इंसान को हंसने, बोलने, चलने, खाना खिलाने से लेकर तमाम चीजें सिखाती है। जिसके बारे में एक नन्हा बच्चा अनजान होता है। तो अपने लाइफ की पहली टीचर मां को इस गुरु पूर्णिमा के मौके पर इन प्यारभरी शायरियों के साथ जरूर विश कर दें। नोट कर लें गुरु पूर्णिमा विशेज, मैसेज, कोट्स, शायरी, पोएम और इमेजेस।
1) कई फलसफे सिखाये तुने, फिर भी नहीं याद आज किसी को,
तुझे इस बात का ग़म है क्या,
ले मेरी ओर से तुझे भी गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
तु किसी गुरु से कम है क्या।
हैप्पी गुरु पूर्णिमा
2) जीवन की पहली गुरू मेरी मां है ,
जिसने सिर्फ कलम पकड़ना ही नही सिखाया
बल्कि कलम के सहारे आत्मसम्मान, और
निडरता से जीना भी सिखाया ।
गुरू के रूप मे मेरी मां को शत शत प्रणाम
गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं
3) गुरु आपके उपकार का,
कैसे चुकाऊँ मैं मोल ?
लाख कीमती धन भला..
गुरु हैं मेरा अनमोल…
4) मुझे चलना बोलना सिखाया जिसने ..
मेरी पहली गुरु तो मेरी माँ ही थी
5) जल जाता है वो दिए की तरह
कई जीवन रोशन कर जाता है
कुछ इसी तरह से हर गुरु
अपना फर्ज निभाता है…
6) गुरु एक दिए की तरह होता हैं।
अपने जीवन में चाहये कितना भी अंधेरा क्यों ना हो
लेकिन दूसरों के जीवन में प्रकाश ही प्रकाश करता हैं।
7) आपने सिखाया है
खुली आंखों से देखे हुए
वो ख्वाब भी सच हो सकते है
किसी की जुबान से निकले
सारे अल्फाज भी सच हो सकते है।
8) मां से बड़ा कोई गुरू नहीं देखा मैंने,
और मेरी लफ़्ज़ों में इतनी ताकत कहां की मै मां
के लिए लिखूं, मां ने तो खुद मुझे लिखा है।
9) क्या दूं गुरु-दक्षिणा,
मन ही मन मैं सोचूं।
चुका न पाऊं ऋण मैं तेरा,
अगर जीवन भी अपना दे दूं।
10) जुबां से हमेशा जिनकी प्यार पाया है..
मेरी कामयाबी के पीछे हमेशा जिनका साया है…
अल्फ़ाज़ों के अभाव में, नतमस्तक है मेरी कलम
ऐसे गुरुयों के आगे, जिन्होंने मेरा परिचय ईश्वर से कराया है…
11) मां रुपी शिक्षक कभी साधारण नहीं होता
प्रलय और सृजन उस की गोद में पलते है?

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