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गुड़ बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें | How to start Jaggery Making Business Plan in hindi

गुड़ बनाने का व्यापार शुरू कैसे करें  How to start Jaggery Making Business Plan in hindi

भारत में चीनी के साथ साथ गुड़ की भी काफ़ी आवश्यकता होती है. गुड़ यहाँ के किराना दुकानों में आसानी से बिकते नजर आते हैं. इसका प्रयोग विभिन्न तरह के डिश में विशिष्ट स्वाद लाने के लिए किया जाता है. इसका निर्माण गन्ने के रस से होता है. आमतौर पर गुड़ उन स्थानों पर बनाया जाता हैं, जिस जगह गन्ने की फसल होती है. हालांकि गुड़ देश के लगभग सभी हिस्सों में तैयार होते हैं, किन्तु सबसे अच्छे किस्म का गुड़ पंजाब में पाया जाता है.

गुड़ के लाभ एवं प्रयोग (Jaggery benefits and use)

गुड़ को चीनी का उपयोग कम करने में कर सकते है. यदि गुड़ अच्छे से बनाया जाये, तो यह लोगों की सर्दी से रक्षा भी करता है. इसका स्वाद चीनी की स्वाद से भिन्न है. अतः इसका उपयोग से विभिन्न तरह की मिठाईयाँ बनाने में करते है. .

गुड़ के व्यापार में आवश्यक कच्ची सामग्री (Jaggery raw material)

आवश्यक कच्ची सामग्री के रूप में गन्ने का उपयोग करते है.

गन्ने कहाँ से प्राप्त करें (where to buy sugar cane)

देश के काफी हिस्से में गन्ने उगाते हैं. आप गन्ना सीधे गन्ने के किसानों से प्राप्त कर सकते हैं. यदि किसानों से गन्ने प्राप्त करने में अगर किसी प्रकार की कोई परेशानी हो, तो आप गन्ने की मंडी से भी हासिल कर सकते हैं.

गन्ने की कीमत (sugarcane price)

गन्ने का मूल्य की सीमा उसकी खरीद करने वाली जगह से प्रभावित रहती है. आमतौर पर मंडी में गन्ने कीमत 2.55 रुपए प्रति किलो है. यह मूल्य विभिन्न राज्यों में नाना प्रकार की होने की सम्भावना है.

गुड़ बनाने की मशीनें (jaggery making machines)

इस व्यापार में गन्ने से रस पाने के लिए मशीन की काफी जरुरत पड़ती है, जिसे आम तौर पर गन्ना क्रशर मशीन कहा जाता है.

भारत मौजूद गुड़ बनाने की मशीनें (Jaggery making machine in India)

आप इस मशीन को प्राप्त करने हेतु दी गयी लिंक पर जाकर देख सकते है:

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गुड़ बनाने की मशीनों की कीमत (jaggery making machine price)

इस स्वचालित मशीन का मूल्य लगभग 1 लाख रूपये से आरंभ है. इस मूल्य पर आपको स्वचालित मशीन प्राप्त हो जायेगी. हालाँकि हस्तचालित मशीन का मूल्य रू 10,000 से आरम्भ होता है.

नोट: गन्ने से रस प्राप्त करने के लिए यदि क्रशर की जगह कोल्हू अथवा हस्तचालित मशीन को उपयोग में लिया जाता है, तो रस कम मात्रा मिलने के साथ समय भी अधिक लगता है. गन्ने से इसकी कटाई के 12 घंटे के अन्दर रस निकाल लेने से अधिक मात्र में रस प्राप्त होता है.

गुड़ बनाने का तरीका (jaggery making process in hindi)

यहाँ पर गुड़ बनाने की सरल प्रक्रिया का वर्णन कर रहे है. जिसका अनुसरण कर के आप खुद भी एक अच्छे किस्म का गुड़ बनाकर व्यापार कर सकते है.

गुड़ बनाने हेतू सर्वप्रथम अच्छी गुणवत्ता वाले गन्ने चुन कर साफ कर लें. इसके बाद क्रशर मशीन की सहायता से इसका रस निकालकर बड़े बड़े ड्रम अथवा अन्य बर्तनों में संचित करके रखें.गन्ने का रस पकाने के लिए आग की आवश्यकता होती है. इसके लिए जमीन में गड्ढा करके चूल्हा तैयार करना होता है. इसी चूल्हे पर एक बहुत बड़े आकार की कढ़ाई चढ़ाई जाती है, जिसमे गन्ने का रस डाल दिया जाता है.गन्ने का रस उबालते समय इसमें सुखलाई के पौधे के तने तथा जड़ का रस डाला जाता है. इसकी सहायता से रस में मिले हुए सभी मैल और कूड़े झाग के साथ उबलते रस के ऊपर आ जाते है, जिसे उबलते रस से बाहर निकाल दिया जाता है.इसके उपरान्त कुछ समय तक रस को पकने के लिए छोड़ दिया जाता है. एक निश्चित समय तक उबलने से रस गाढ़ा होने लगता है.एक संतुलित तापमान में आने के बाद इस रस को सांचे में डाल दें, ताकि आप के मनचाहे आकार में गुड़ प्राप्त हो सके. साँचा न होने पर हाथ की सहायता से गुड़ बनाया जा सकता है.इस प्रक्रिया की सहायता से एक बढ़िया गुणवत्ता वाला गुड़ बन कर बेचने योग्य हो जाता है. जिसे पैक करके बाजार में व्यापार के लिए भेजा जा सकता है.

गुड़ को शुद्ध कैसे करें (how to remove impurities from jaggery)

गुड़ की पहली क्वालिटी ही इसका साफ सुथरा होना है. इसके लिए सुखलाई के पौधे के जड़ अथवा तने के रस का प्रयोग करें, इसे आमतौर पर जंगली भिन्डी के नाम भी पुकारा जाता है. आप स्वयं गन्ने की खेती करके गन्ने के साथ इसके बीज भी रोप सकते हैं, ताकि गुड़ बनाते समय इसे ढूंढना न पड़े.

ऐसे ही कम समय में अधिक मुनाफा वाला व्यापार ब्लैक बोर्ड की चॉक बनाने का, के बारे में जाने संपूर्ण बातें.

स्वास्थ के लाभदायक गुड़ कैसे बनाये (how to make healthy jaggery)

गुड़ की विशिष्टता बहुत ही आसानी से बड़ाई जा सकती है. इसके लिए अक्सर गुड़ बनाते समय गन्ने के रस में आँवला, सौंफ, अदरक आदि मिक्स किया जाता है. इस प्रक्रिया से बना गुड़ सर्दी जुकाम के उपचार के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है.

गुड़ के व्यापार में कुल लागत (jaggery business total price)

व्यापार की लागत गन्ने से रस प्राप्त करने वाली मशीन का प्रयोग करने से निश्चित होती है. आरंभिक दौर में हैण्ड मशीन का उपयोग करके आप अपना कारोबार स्थापित कर लेते है इस मशीन का मूल्य अधिकतम 10,000 रुपए ही पड़ता है. डीजल की सहायता से चलने वाली मशीनें 20,000 रुपए से 80,000 रुपए के बीच पायी जाती हैं. इसके लिए क्रशर मशीन की कीमत 1 लाख के आसपास पड़ती है. अतः इस व्यापार की लागत न्यूनतम 15,000 रूपए से अधिकतम 1,20,000 रूपए की होता है.

गुड़ निर्माण के समय अन्य आवश्यक वस्तु (jaggery production machinery)

आपको मशीन के अलावा कढाई, चम्मच, रस संचय करने के लिए ड्रम, गुड़ जमाने के लिए सांचे आदि भी खरीदने होते हैं. इन सभी आवश्यक वस्तुओं को खरीदने में आपको अधिकतम 30,000 रूपए तक की आवश्यकता होती है.

व्यापार के लिए आवश्यक स्थान:

गुड़ बनाने का काम करने हेतू लगभग 500 वर्ग मीटर स्थान की आवश्यकता होती है. साथ ही इस स्थान पर कुछ आवश्यक निर्माण कार्य कराने होते हैं. निर्माण कार्य के लिए के लिए प्रति वर्ग मीटर रू 1500 का खर्च पड़ता है.

गुड़ के व्यापार से लाभ (jaggery business profit)

गुड़ के व्यापार में लाभ पाने हेतु मार्केटिंग की आवश्यकता होती है. यदि रोजाना लगभग 35 से 40 किलोग्राम गुड़ बनाया जाये और न्यूनतम 30 रूपए प्रति किलोग्राम के दर से बेचा जाए तो प्रतिदिन लगभग रू 1000 से 1,200 तक का लाभ प्राप्त होता है.

गुड़ की मार्केटिंग (jaggery marketing)

गुड़ की मार्केटिंग अगर आप नियमित रूप से करने पर आसान होती है. आप चाहें तो आपके सांचे में अपने ब्रांड का चिन्ह डाल सकते हैं, ताकि आपके द्वारा बनाए जा रहे गुड़ में वह अंकित हो. आप व्यापार की मार्केटिंग मिठाई की दुकानों, आम बाजारों में, बड़े किराना दुकानों मे, मॉल आदि में भी आसानी से कर सकते हैं. यदि आप ब्रांडिंग के बगैर बेचना चाहें तो अपने स्थानीय जगहों पर भी इसका व्यापार कर लेंगे.

व्यापार की स्थापना के लिए ऋण (loan for business)

यदि आपके पास व्यापार स्थापित करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं हो, तो आप सरकार की तरफ से मदद लेकर व्यापार सम्बंधित राशि ग्रहण कर सकते है. इच्छुक व्यक्ति खादी ग्राम उद्योग प्रशिक्षण केंद्र में जा कर भी आसानी से गुड बनाने की प्रक्रिया सीख ले. इसके अतिरिक्त कृषि अनुसन्धान केंद्र में जाकर भी जैविक विधि से गुड़ बनाने की प्रक्रिया समझ सकते हैं.

गुड़ के व्यापार के लिए लाइसेंस (licence required for jaggery business)

यदि गुड़ अपने ब्रांड के साथ बेचना हो तो लाइसेंस बनवाने पड़ते हैं. इसका लाइसेंस सर्वप्रथम खाद्य विभाग अथवा fssai की तरफ से जारी किया जाता है. यदि आप स्वम का ब्रांड बनाने से पहले आपको ट्रेड लाइसेंस, उद्योग आधार आदि के अधीन भी पंजीकरण कराना होता है.

गुड़ की पैकिंग की विधि (jaggery packing)

पैकेट्स बनाते समय आपको गुड़ की मात्रा का ध्यान रखना होता है. बाजार में 250 ग्राम और 500 ग्राम के गुड़ के पैकेट अधिक मात्रा में बिकते हैं. अतः आप इस मात्रा के पैकेट बनाकर बाजार में बिकने के लिए भेज सकते हैं. यदि ब्रांड पंजीकृत हो, तो उसका स्टीकर भी पैकेट पर प्रयोग करते है.

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