गोरखपुर:रिंग रोड के लिए प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण की प्रकिया की शुरू,आपत्ति दाखिल के लिए 21 दिन का मौका।
गोरखपुर शहर के बाहरी रिंग रोड के आखिरी चरण में बनने वाले जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन बाईपास के लिए जमीन अधिग्रहण की राह में मुआवजे का रोड़ा खड़ा हो गया है। कई काश्तकारों ने प्रशासन के समक्ष मुआवजे की कम दर को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि वर्तमान मूल्य अधिक है जबकि सर्किल रेट पिछले छह वर्षों से नहीं बढ़ा है। वे मुआवजे की दर बढ़ाकर भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। काश्तकारों की मांग ने प्रशासन के सामने भी समस्या खड़ी कर दी है। प्रशासन इस मामले का हल निकालकर जल्द से जल्द अधिग्रहण करने की तैयारी में है।
यहां से होकर गुजरेगा शहर का बाहरी रिंग रोड
शहर के बाहरी रिंग रोड के रूप में कालेसर से जगदीशपुर तक, कालेसर से जंगल कौड़िया तक रिंग रोड पूरा हो चुका है। इसका एक तिहाई हिस्सा जंगल कौड़िया से जगदीशपुर के बीच प्रस्तावित है। सड़क निर्माण को स्वीकृति मिल चुकी है। किन गाटों से होकर सड़क गुजरेगी, इसका निर्णय भी हो चुका है। सदर तहसील क्षेत्र के 26 गांव इस सड़क से प्रभावित हो रहे हैं और वहां की जमीन अधिग्रहीत की जानी है। प्रशासन की ओर से हाल ही में अधिग्रहित किए जाने वाले गाटा नंबर पर आपत्ति मांगी गई थी। कई काश्तकारों ने जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश एवं मुख्य राजस्व अधिकारी सुशील कुमार गोंड के यहां प्रत्यावेदन देकर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि छह साल से सर्किल रेट नहीं बढ़ा है ऐसे में जमीन देने से उनका नुकसान होगा।
छह महीने के बैनामे की दर पर भी विचार करेगा प्रशासन
सर्किल रेट को लेकर किसानों की ओर से बताई गई समस्या को दूर करने के लिए प्रशासन उन क्षेत्रों में पिछले छह महीने में हुए बैनामे की दरों की जानकारी लेने का आश्वासन भी दे रहा है। छह महीने में हुए बैनामे निकलवाए जाएंगे और उसी के अनुसार भुगतान किया जाएगा। किसानों को समझाया जाएगा कि बैनामे वर्तमान दर पर हो रहे हैं और उसके अनुसार भी भुगतान किया जा सकता है। फिलहाल आपत्ति दाखिल करने के लिए 21 दिन का समय मिला है। समय सीमा पूरी होने के बाद दर पर निर्णय ले लिया जाएगा।
मुख्य राजस्व अधिकारी सुशील कुमार गोंड़ ने कहा कि ,”जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन रिंग रोड बाईपास के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई हैं। किसानों से आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं। कुछ आपत्तियां आ रही हैं, नियमानुसार उनका निस्तारण कर दिया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही अधिग्रहण शुरू हो जाएगा।”

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