गौतम अडानी का ‘एप्पल’ साम्राज्य, ऐसे बदली हजारो किसानों की किस्मत, देश के हर कोने तक पहुंचाई सेवफ़ल की मिठास!
हिमाचल के सेब बागानों से निकलकर देश के 50+ शहरों तक, अडानी की Farm Pik पहल ने 17,000 से ज्यादा किसानों की जिंदगी बदल दी। कंट्रोल्ड एटमॉस्फेयर स्टोरेज, ट्रेनिंग, और डायरेक्ट मार्केट लिंक ने उनकी कमाई बढ़ाई और सेब की क्वालिटी को नई ऊंचाई दी। अब उनकी मेहनत हर भारतीय घर तक पहुंच रही है।
हिमाचल प्रदेश के सेब किसान पहले बिचौलियों और अनऑर्गनाइज्ड मंडियों के चक्कर में फंसकर अपनी मेहनत का सही दाम नहीं पाते थे। 2006 में अडानी एग्री फ्रेश की Farm Pik पहल ने इस सिस्टम को पलट दिया। शिमला के बिथल, सैंज, और मेहंदली में 22,636 MT के कंट्रोल्ड एटमॉस्फेयर (CA) स्टोरेज सेंटर्स बनाए गए, जहां ऑटोमेटेड सॉर्टिंग, ग्रेडिंग, और पैकिंग होती है। रेफ्रिजरेटेड वैन से कोल्ड चेन मेंटेन होती है, जिससे सेब की शेल्फ लाइफ बढ़ी और वेस्टेज 10-15% तक कम हुआ। Farm Pik की टीमें प्री-हार्वेस्ट से लेकर मार्केट तक साथ देती हैं सॉयल टेस्टिंग, क्रॉप केयर, और फील्ड ट्रेनिंग से लेकर साइंटिस्ट्स की सलाह तक। ये पहल हिमाचल के सेब को एक ग्लोबल ब्रांड की तरह स्थापित कर रही है।
टेक्नोलॉजी और स्टोरेज का कमाल
Farm Pik के CA स्टोरेज सेंटर्स सेब को महीनों तक फ्रेश रखते हैं, जिससे किसानों को मार्केट में सही वक्त पर बेचने का मौका मिलता है। बिथल, सैंज, और मेहंदली के सेंटर्स में ऑटोमेटेड सिस्टम्स सॉर्टिंग और पैकिंग को तेज और क्वालिटी-फोकस्ड बनाते हैं। रेफ्रिजरेटेड ट्रांसपोर्ट सेब को बिना खराब हुए कोल्ड चेन में देशभर के मार्केट्स तक पहुंचाता है। ये टेक्नोलॉजी न सिर्फ वेस्टेज कम करती है, बल्कि सेब की प्रीमियम क्वालिटी को बरकरार रखती है। किसानों को अब बिचौलियों की मनमानी से आजादी मिली, और उनकी प्रोड्यूस की डिमांड बढ़ी। ये मॉडर्न सिस्टम हिमाचल के सेब को हर शहर में पॉपुलर बना रहा है।
किसानों की ट्रेनिंग और नई उम्मीद
Farm Pik की फील्ड टीमें किसानों को सॉयल टेस्टिंग, हाई-क्वालिटी इनपुट्स, और मॉडर्न फार्मिंग टेक्निक्स सिखाती हैं। ग्रोअर्स मीट और साइंटिस्ट्स की सलाह से किसानों को पेस्ट मैनेजमेंट और वॉटरिंग जैसे नए तरीके सीखने को मिले। 17,000+ उत्पादकों की मेहनत अब डायरेक्ट मार्केट तक पहुंच रही है, जिससे उनकी इनकम में बंपर इजाफा हुआ। कई परिवार अब बच्चों की पढ़ाई, घर का रिनोवेशन, या नया बिजनेस शुरू कर पा रहे हैं। ये पहल न सिर्फ सेब की खेती को बढ़ावा दे रही, बल्कि हिमाचल के गांवों में नई उम्मीद और आत्मविश्वास जगा रही है।
