ग्रीन स्टांप पेपर की बदौलत पंजाब को मिले 5000 से ज्यादा निवेश प्रस्ताव, 4 लाख लोगों को मिलेंगी नौकरियां
पंजाब की भगवंत सिंह मान सरकार द्वारा लाया गया ग्रीन स्टांप पेपर सूबे के लोगों के लिए तरक्की के द्वार खोल रहा है। पंजाब पहला ऐसा राज्य है, जो एक अलग कलर कोड वाला स्टांप पेपर लेकर आया है। इस स्टांप पेपर से उद्योगपतियों को राज्य में फैक्ट्रियां लगाने के लिए सिर्फ 2 हफ्ते में सारी मंजूरियां मिल जा रही हैं। इससे राज्य में बड़ी संख्या में निवेशक आ रहे हैं। जब बड़ी संख्या में नई फैक्ट्रियां और प्रोजेक्ट्स लग रहे हैं, तो राज्य में रोजगार भी तेजी से बढ़ रहा है। पंजाब में अमेरिका, स्विट्जरलैंड, जापान और जर्मनी जैसे कई देशों से कई सेक्टर्स में निवेश आया है।
4 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
पंजाब सरकार के इस ग्रीन स्टांप पेपर से राज्य में कई सारे नए उद्योग स्थापित हुए हैं। देश की कई प्रमुख कंपनियों ने राज्य में निवेश की रुचि दिखाई है। राज्य में 5,000 से अधिक निवेश प्रस्ताव के माध्यम से 80,000 करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद जताई जा रही है। सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव साहिबजादा अजीत सिंह नगर, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला और फतेहगढ़ साहिब जिलों को मिले हैं। रियल एस्टेट, एग्रीकल्चर एंड फूड प्रोसेसिंग, मैन्यूफैक्चरिंग, ऑटोमोटिव और ऑटो कंपोनेंट्स समेत कई सेक्टर्स के लिए आए इन निवेश प्रस्तावों के पूरे होने पर करीब 4,00,000 रोजगार पैदा होंगे।
ये आए बड़े निवेश
टाटा स्टील का लुधियाना के सेकेंडरी स्टील सेक्टर में 2600 करोड़ रुपये का निवेश आया है। सनातन पॉलीकॉट का फतेहगढ़ साहिब में मैन मेड फाइबर सेक्टर में 1600 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट आया है। नाभा पावर (L&T) ने पटियाला के पावर सेक्टर में 641 करोड़ रुपये का निवेश किया है। वहीं, जापान का टोप्पन पैकेजिंग सेक्टर में 548 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है। इसके अलावा 1400 करोड़ रुपये का होशियारपुर में अंबुजा सीमेंट प्रोजेक्ट, 1137 करोड़ रुपये का रूपनगर में रूचिरा पेपर्स लिमिटेड प्रोजेक्ट, 583 करोड़ रुपये का मोगा में नेस्ले इंडिया का प्रोजेक्ट, 438 करोड़ रुपये का लुधियाना में हैप्पी फोर्जिंग का प्रोजेक्ट, 338 करोड़ रुपये का फ्रायडेनबर्ग ग्रुप का प्रोजेक्ट और होशियारपुर में 194 करोड़ रुपये का द्रास इंजीनियरिंग का प्रोजेक्ट राज्य में लगा है।
क्या है ग्रीन स्टांप पेपर?
ग्रीन स्टांप पेपर का उद्देश्य उद्योगपतियों को उनके प्रोजेक्ट्स के लिए जल्दी क्लीयरेंस देना है। राज्य सरकार का कहना है कि अगर कोई उद्योगपति ग्रीन स्टांप पेपर के जरिए अप्लाई करता है, तो उसे इंडस्ट्रीयल प्रोजेक्ट्स के लिए 2 हफ्ते में सारी क्लीयरेंस मिल जाएगी। ग्रीन स्टांप पेपर में हरे कलर का स्टांप पेपर होता है। यह मिलने पर उद्योगपतियों को सारी जरूरी मंजूरियां मिल जाती हैं। मान सरकार की नीतियों के चलते पंजाब में एक लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयों का मजबूत आधार तैयार हुआ है। इनमें 1,057 से अधिक बड़ी और मध्यम इकाइयां जबकि 99,639 से अधिक सूक्ष्म एवं लघु इकाइयां हैं। इससे राज्य में करीब 12 लाख नौकरियां पैदा हुई हैं।
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