गोंडा: गोंडा में परिजनों ने स्कूल में एडमिशन कराने व पढ़ाई के लिए अपनी बेटी को मना कर दिया। इससे नाराज होकर नाबालिग लड़की ने सरयू पुल से नदी में छलांग लगा दी। कजरी तीज मेले की तैयारियों में लगे सरयू घाट पर मौजूद लोगों ने नदी में कूदकर लड़की की जान बचा ली। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे डायल 112 की टीम ने लड़की को कब्जे में लेकर उसके परिजनों को सूचना दी। उसकी मां को बुलाकर उसके सुपुर्द किया।मामला कोतवाली करनैलगंज क्षेत्र के ग्राम कोंनहटा के मजरा भुलियापुर की है। यहां की निवासी 15 साल की कहकशां कक्षा 8 पास कर चुकी है। आगे भी पढ़ाई करने की उसकी लालसा थी। लेकिन परिजन उसे 2 साल से स्कूल नहीं भेज रहे थे। वह लगातार अपने परिजनों पर एडमिशन कराने के लिए कहती रही। लेकिन परिवार के लोग उसकी बात नहीं माने। जिससे उसने ऐसा कदम उठाया।पुलिस ने लड़की की मां को बुलायामौके पर पहुंची डायल 112 पीआरबी 857 की टीम प्रभारी विरेंद्र यादव, महिला कांस्टेबल बंदना भार्गव, विनीता पाल ने बालिका को कब्जे में लेकर पूछताछ की। जिसके बाद उसके परिजनों को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची बालिका की मां आसमा के हवाले किया गया।लड़की को उसकी मां को बुलाकर सौंप दिया दिया गया।आर्थिक तंगी से नहीं पढ़ा रहे परिजनलड़की की मां ने बताया कि उसके सात बच्चे हैं। आर्थिक तंगी के चलते बेटी को आगे नहीं पढ़ाना चाहती है। लड़की ने बताया कि वह पढ़ना चाहती है। परिवार के लोग उसका एडमिशन नहीं करवा रहे। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे करनैलगंज सीओ मुन्ना उपाध्याय और कोतवाल सुधीर कुमार ने लड़की को समझा-बुझाकर उसका प्रवेश कराने की जिम्मेदारी ली। उसके मां के साथ घर भेजवाया।

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