चंडीगढ़: चंडीगढ़ में एडवोकेट वरिंदर सिंह पीड़ितों के साथ मामले की जानकारी देते हुए।करोड़ों रुपए की ठगी के मामलों में फंसे लैंड डेवलपर दविंदर गिल उर्फ थापा को वीआईपी ट्रीटमेंट दी जा रही है। उसे रोपड़ के एक अस्पताल में लंबे समय तक इलाज के नाम पर फाइव स्टार सुविधा दी गई। आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी को आधार बनाते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकील ने यह दावा किया है। कहा कि 92 दिनों तक फीजियोथेरैपी के नाम पर उसे अस्पताल में रख ट्रीटमेंट दी गई। वहीं उसकी पत्नी क्रिस्पी खैरा फरार चल रही है। एडवोकेट ने चंडीगढ़ में मीडिया के सामने पीड़ितों को पेश कर दविंदर गिल और क्रिस्पी पर लगाए आरोपों को सही बताया।वरिंदर सिंह ने कहा कि उन्हें यह प्रेस कांफ्रेंस इसलिए करनी पड़ी है क्योंकि एक वीडियो के जरिए क्रिस्पी खैरा कह रही थी कि वह उनके खिलाफ निराधार आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान वरिंदर सिंह ने दस्तावेज पेश करते हुए दंपति पर लगाए आरोपों को सच्चा बताया। वरिंदर सिंह ने कहा कि वह 700 बच्चों को इंसाफ दिलवाना चाहते हैं।40 करोड़ ठगी के मामलों में इंसाफ की लड़ाईएडवोकेट वरिंदर सिंह ने बताया कि वह विदेश भेजने के नाम पर ठगी का शिकार हुए 128 बच्चों की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। मामले में 40 करोड़ रुपए के लगभग की ठगी शामिल है। 2018 में खैरा ने एक इमिग्रेशन कंपनी खोली और अनेकों बच्चों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी की। जिसे लेकर सेक्टर 36 थाना पुलिस ने केस दर्ज किया था। वरिंदर सिंह के मुताबिक दविंदर थापा ने अपने नाम में हेरफेर कर खुद को दविंदर गिल बना लिया। इन्होंने वर्ष 2012 से लेकर अभी तक 100 करोड़ रुपए का घपला किया है। 700 से ज्यादा बच्चों के साथ आरोपियों ने ठगी की है।करोड़ों रुपए की ठगी के आरोपी दविंदर गिल उर्फ थापा और उसकी पत्नी क्रिस्पी खैरा। (फाइल)दसवीं के दो सर्टिफिकेट बनवाएआरोप के मुताबिक दविंदर गिल ने फर्जीवाड़ा कर दो नामों से दसवीं के सर्टिफिकेट बनवाए हुए हैं। वह दविंदर थापर, दविंदर थापा और दविंदर गिल के नाम से अपनी पहचान बदलता रहता है। उसके फर्जी सर्टिफिकेट को लेकर केस भी हुआ था। वरिंदर सिंह का कहना है कि दविंदर गिल की पत्नी क्रिस्पी खैरा भगौड़ा चल रही है। वहीं जब पुलिस टीम उसे पकड़ने गई थी तो उसने पुलिस पर भी गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की। जिसे लेकर उसके खिलाफ सोहाना थाने में हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया था।पंजाब पुलिस पर वीआईपी ट्रीटमेंट देने के आरोपएडवोकेट वरिंदर सिंह ने कहा कि पुलिस दविंदर गिल को वीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है। 23 जून को उसे जेल से घर ले गए थे। इसके अलावा आरटीआई जानकारी के मुताबिक उसे जेल में रखने की बजाय अस्पताल में फाइव स्टार सुविधाओं में रखा गया।इस तरह करते थे ठगीवरिंदर सिंह ने कहा कि दंपति ऑफिस खोल लुभावने और फर्जी विज्ञापन जारी करते थे। ऐसे दावे किए जाते थे कि साढ़े 4 बैंड लेने वाले स्टूडेंट्स को विदेश भेज देंगे। वहीं स्पाउस वीजा भी लग जाएगा। वरिंदर सिंह ने कहा कि बारहवीं पास के लिए न्यूनतम बैंड साढ़े 5 होने चाहिए। वहीं यदि व्यक्ति ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट हो तो साढ़े 6 बैंड चाहिए होते हैं।दविंदर गिल और क्रिस्पी खैरा के फर्जी विज्ञापनों को देख पंजाब भर से नौजवान इनके पास वीजा के लिए आता था। प्रत्येक नौजवान से यह अढ़ाई से तीन लाख तक रुपए लेते थे। बच्चों को बार-बार चक्कर लगवाए जाते थे। वहीं पुलिस के साथ भी सेटिंग की गई थी ताकि इनके खिलाफ कार्रवाई न हो। इसी के चलते 2014 से 2018 तक कई एफआईआर दर्ज की गई मगर किसी भी केस में आरोपियों को जांच में शामिल नहीं करवाया गया। इसी बीच एक मामला चंडीगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज हुआ। पुलिस ने मामले में दविंदर गिल को पकड़ लिया था।बीजेपी नेता के बेटे से भी ठगीमोगा पुलिस ने दविंदर गिल, उसकी पत्नी क्रिस्पी खैरा समेत एक पूजा महाजन के खिलाफ फरवरी 2016 में एक केस दर्ज किया था। मामले में एक भाजपा नेता तरलोचन गिल के बेटे को स्टडी वीजा पर ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर 7.73 लाख रुपए की ठगी करने का आरोप था।गिल के खिलाफ चंडीगढ़, मोहाली, पंचकूला, अमृतसर आदि जिलों में केस दर्ज हुए थे। एक जमीन घोटाले केस में भी उसे मोहाली पुलिस ने पकड़ा था। सीबीआई ने भी एक हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए रिश्वत लेने के मामले में उसके खिलाफ 2011 में केस दर्ज किया था। चंडीगढ़-कुराली रोड पर स्काई हाइट हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए दविंदर गिल ने निवेश मांगे थे। दविंदर पहले रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटीज, चंडीगढ़ में जूनियर क्लर्क था और कुछ ही समय में लैंड डेलवपर बना गया था।

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