रायपुर: छत्तीसगढ़ में पेसा कानून को लेकर भाजपा और कांग्रेस नेता आपस में उलझ गए हैं।छत्तीसगढ़ में पेसा कानून को लेकर भाजपा और कांग्रेस नेता आपस में उलझ गए हैं। भाजपा ने जहां पेसा कानून के नाम पर कांग्रेस सरकार पर छल करने का आरोप लगाया है तो वहीं कांग्रेस ने कहा कि 15 साल सत्ता में रहे तब पेसा कानून क्यों लागू नहीं किया। कांग्रेस ने कहा कि यह भाजपा के आदिवासी विरोधी चरित्र को प्रदर्शित करता है।भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों को/ आदिवासी भाइयों बहनों को पेसा कानून में जो अधिकार देने की बात कही जा रही है, उसमें एक महत्वपूर्ण कड़ी को छोड़ दिया गया है। जिसे लेकर बस्तर संभाग का सुकमा जिला जल रहा है। आदिवासी तेंदूपत्ता संग्राहक अपने करोड़ों रुपए के भुगतान के लिए पिछले चार माह से दर-दर भटक रहे हैं।चंद्राकर ने कहा कि पेसा कानून में अराष्ट्रीयकृत वनोपज पर ही निर्णय लेने का अधिकार ग्राम सभा को होगा। चंद्राकर ने कहा कि 2022 में सरकार ने 21प्रतिशत ज्यादा तेंदूपत्ता की खरीदी की है और 630 करोड़ रुपए संग्रहण कर्ताओं को देना है। इस मामले में कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 15 साल तक भाजपा की सरकार थी, अजय चंद्राकर सरकार में प्रभावशाली मंत्री थे।तब वनवासियों के लिये पेसा कानून क्यों नहीं लागू किया? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की 32 फीसदी आदिवासियों को अधिकार संपन्न बनाने पेसा कानून लागू कर रहे हैं तो भाजपा नेता गलत बयानी कर अपनी खीझ निकाल रहे हैं। भाजपा सरकार ने आदिवासी वर्ग के जमीनों पर कब्जा करने के लिये भू-संशोधन विधेयक पारित किया था जिसका कांग्रेस पार्टी ने पुरजोर विरोध किया तब विधेयक को सरकार ने वापस लिया था।शुक्ला ने कहा कि अजय चंद्राकर तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिये घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे। भाजपा हमेशा से आदिवासियों की शोषक रही है। 15 सालों में छत्तीसगढ़ के आदिवासी ठगे गये, उनकी प्रगति को रोकने का षड़यंत्र रचा गया था।

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