चौक-चौराहों से हटाए जाएंगे भिखारी बच्चों को रेस्क्यू करेंगी टीमें, भीख मंगवाने वालों पर जिला प्रशासन दर्ज करवाएगा मामला; सर्वे शुरू
जालंधर: बीएमसी चौक में भीख मांगते बच्चे।बीएमसी, गुरु नानक मिशन और नकोदर चौक में सबसे ज्यादा बच्चेएडीसी के नेतृत्व में काम करने वाली टीम रेड करने के बाद बच्चों को रेस्क्यू करेगीशहर को बैगिंग फ्री सिटी बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने रोडमैप तैयार किया है। इसका नेतृत्व अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जनरल) मेजर अमित सरीन करेंगे। हालांकि, बीते वर्षों में कई बार जिला व पुलिस प्रशासन मुहिम को शुरू कर चुका है लेकिन कामयाबी नहीं मिली। इस बार सभी चौक-चौराहों का सर्वे किया जा रहा है, साथ ही भिखारियों की संख्या पर अधिकारी काम कर रहे हैं।एडीसी के नेतृत्व में काम करने वाली टीम रेड करने के बाद बच्चों को रेस्क्यू करेगी। एडीसी मेजर अमित सरीन ने सीडीपीओ और डीसीपीओ को निर्देश जारी करते कहा कि जिन जगहों पर बच्चों से भीख मंगवाई जा रही है, वहां की पूरी रिपोर्ट बनाई जाए। रेड करने के दौरान पुलिस भी साथ लें। प्लान के मुताबिक मौके पर भीख मांगने वाले बच्चों के साथ व्यक्ति या महिला है तो उसे भी साथ ले जाया जाएगा। बच्चा किसका है, इस बारे में पता किया जाएगा। प्रशासन मान कर चल रहा है कि बच्चों से भीख मंगवाने के पीछे बड़े लोगों का हाथ भी हो सकता है।मददगारों के जज्बातों से भी करते हैं खिलवाड़अक्सर रेड लाइट पर गाड़ी के पास बच्चे शीशा साफ करने आ जाते हैं और पैसे मांगते हैं। ऐसे बच्चे आपको बीएमसी चौक, गुरु नानक मिशन और नकोदर चौक में आम ही देखने को मिल जाएंगे। इन बच्चों के साथ महिलाएं और पुरुष भी होते हैं, जो इनसे भीख मंगवाते हैं। इसी चेन को ब्रेक करने के लिए प्रशासन का अब शिकंजा कसने का मूड है। कई भिखारी तो ऐसे हैं, जो मददगारों के जज्बातों के साथ ही खिलवाड़ कर जाते हैं। शरीर पर पटि्टयां आदि बांधकर लोगों को पैसे देने के लिए कहते हैं। पटि्टयों के ऊपर खून जैसा रंग तक लगाया होता है। तरस खाकर लोग इन्हें पैसे दे देते हैं, लेकिन पटि्टयों के नीचे कोई जख्म नहीं होता। इसी तरह बैसाखियां लेकर भीख मांगने वाले बाद में पैरों पर चलते नजर आ जाते हैं।बच्चों को शिक्षा दिलाने के साथ काउंसलिंग भी करेंगेएडीसी (ज) मेजर अमित सरीन का कहना है कि मुहिम में जिन बच्चों को रेस्क्यू करने जा रहे हैं उन्हें शेल्टर होम में ले जाया जाएगा। साथ ही माता-पिता को साबित करना होगा कि बच्चा उनका है। संदिग्ध मामलों में बच्चे की फोटो और अन्य जानकारी केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इसके अलावा भिखारियों के नेक्सेस को तोड़ने की पूरी कोशिश रहेगी

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