जिसने पैदा किया, उसको मिटा दिया:बेटे ने ईंट-पत्थर मारकर कर दी पिता की हत्या, बेहद मामूली थी वजह – Son Killed His Father By Pelting Bricks And Stones, There Was A Dispute Against Abusive Language
आरोपी सचिन खुद को नाबालिग बता रहा है। सदर कोतवाली क्षेत्र के सादीपुर मोहल्ला निवासी सुरेश चंद्र विश्वकर्मा उर्फ बाबू लोहार (38) शराब और गांजे का लती था। वह नासिरपीर में फर्नीचर का काम करता था। वह शुक्रवार रात घर पहुंचा। शराब पीने के लिए पत्नी अभिलाषा से रुपये मांगने लगा। रुपये मांगने को लेकर विवाद हुआ।
विवाद के बाद पत्नी से रुपये लेकर शराब पीकर घर लौटा। दरवाजे पर खड़े होकर परिवार को गाली गलौज करने लगा। छत से बेटे सचिन ने पिता को शांत होने की बात कही। दोनों ओर से पत्थरबाजी चालू हो गई। छत से सचिन ने पिता पर ईंट-पत्थर से हमला किया। ईंट सुरेश चंद्र के सिर पर लग गया, जिससे वह लहूलुहान होकर गिर पड़ा।
घरेलू विवाद में पति और बेटे के बीच मारपीट
मोहल्ले के लोग इकट्ठा हो गए। लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल सुरेश चंद्र को जिला अस्पताल पहुंचाया। इलाज के दौरान सुरेश चंद्र की भोर पहर मौत हो गई। पुलिस ने अभिलाषा की तहरीर पर पुत्र सचिन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। तहरीर में बताया कि घरेलू विवाद में पति और बेटे के बीच मारपीट हुई है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद होगी कार्रवाई
सिर में चोट लगने से पति की इलाज दौरान मौत हो गई। कोतवाल एसबी सिंह ने बताया कि मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है। बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। आरोपी सचिन खुद को नाबालिग बता रहा है। इसकी भी जांच कराई जाएगी। अन्य परिजनों से पूछताछ की जा रही है।
नशेबाजी के चलते 15 साल पहले भाइयों ने बना ली थी दूरी
बेटे के हाथ जान गवाने वाले फर्नीचर कारीगर पिता सालों से नशे का लती बताया जा रहा है। इसी वजह से कारीगर समेत परिवार को 15 साल पहले उसके भाइयों ने घर से अलग कर दिया था। नशेबाजी के चलते पूरा परिवार बिखर गया है। सादीपुर निवासी सुरेश चंद्र विश्वकर्मा की मौत का कारण पुलिस नशेबाजी मान रही है।
परिवार आ गया है बर्बादी की कगार पर
नशेबाजी में उत्पात मचाए जाने पर बेटे ने ईंट-पत्थर से हमला किया। सुरेश की मौत हो गई। उसके पीछे सारा परिवार बर्बादी की कगार पर आ गया है। इकलौता बेटा सचिन जेल चला गया। घर में पत्नी अभिलाषा और एक आठ साल की बेटी है। दोनों के भरण पोषण पर संकट आ गया है। सुरेश चंद्र का परिवार अमरजई मोहल्ला में रहता है।

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