बैतूल: विभिन्न अपराधों में जेल में बंद कैदियों को आज दो साल बाद उनकी बहने खुली मुलाकात में राखी बांध सकी। बैतूल जेल प्रबंधन ने आज गृह मंत्री के निर्देश के बाद मुलाकात करवाते हुए करीब 127 बंदियों को राखी बंधवाई।कल जिला जेल बैतूल में परिरूद्ध बंदियों की केवल बहनों से इंटरकाम के जरिए बात कराई गई थी। लेकिन आज जब बहन भाई आमने सामने मिले तो दोनो के चेहरे खिल उठे। बहनों ने जहां भाईयों की कलाई पर राखी बांधी वही हल्दी कुमकुम और पूजन सामग्री से भाईयो की आरती भी उतारी। खुली मुलाकात के लिए जिला जेल प्रबंधन ने यहां व्यापक इंतेजाम किए थे। कैदियों और राखी बांधने आने वाली महिलाओं को कोरोना प्रोटोकाल के तहत मास्क वितरित किए गए।वही उनके बैठने के लिए टेंट,कुर्सियों का इंतेजाम कर बारी बारी से राखी बंधवाई गई।इस दौरान जेल में उत्सव का माहौल रहा।जेल प्रबंधन ने 2020 से कोरोना प्रोटोकाल के तहत कैदियों से खुली मुलाकात पर प्रतिबंध लगा दिया था। गुरुवार प्रतिबंध के चलते बहनों की भाईयो से खुली मुलाकात नहीं हो सकी थी। जेल प्रबंधन ने यहां इंटरकॉम के जरिए ही बहनों की भाईयो से बात करवाई थी। जबकि बहनो ने अपने बंदी भाईयो को राखी, रूमाल, फल (दो नग) एवं टीका हेतु कुमकुम सामग्री भेंट की थी। जेल प्रबंधन ने इसके लिए सभी बहनों से राखी व अन्य सामग्री लेकर बैरक तक पहुंचाया था। वर्ष 2021 में रक्षाबंधन पर्व पर खुली मुलाकात पूर्णत: बंद था। यही वजह है की इस बार भी रक्षाबंधन पर्व पर खुली मुलाकात पूर्णत: प्रतिबंधित कर दी गई थी। जेलर योगेंद्र पवार ने बताया की बहनों को इस बार गृहमंत्री के निर्देश के बाद खुली मुलाकात कराई गई।बता दें, कि बैतूल जिला जेल में इस समय 485 बंदी निरुद्ध है। इनमे 453 पुरुष और 32 महिलाए बंद है। रक्षाबंधन पर मुलाकात के लिए दर्जनों महिलाए पहुंची। इसके लिए जेल प्रबंधन ने व्यापक इंतजाम किए थे। ताकि महिलाओं की बंदियों से आसानी से बात हो सके। मुलाकात के लिए करीब 187 बंदियों की मुलाकात कराई गई।

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