इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में टीम इंडिया ने चार दिन तक शानदार खेल दिखाया, लेकिन पांचवें दिन का हाल ऐसा रहा मानो सारी मेहनत पर पानी फिर गया हो। खास बात ये रही कि बल्लेबाजी और गेंदबाजी में जहां भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया, वहीं फील्डिंग में बड़ी चूक ने जीत भारत से छीन ली। दरअसल इस हार का सबसे बड़ा चेहरा बनकर सामने आए ओपनर यशस्वी जायसवाल, जिन्होंने मैच में चार ऐसे कैच छोड़े जिन्हें पकड़ना अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी के लिए जरूरी होता है। इस वजह से इंग्लैंड को न सिर्फ टिकने का मौका मिला, बल्कि रन बनाने और दबाव हटाने का भी।
दरअसल मैच में एक समय ऐसा आया जब पूरी तरह से यह लगने लगा कि भारत ने मैच में मजबूत पकड़ बना ली है। लेकिन इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने मौके को बनाया और भारतीय टीम के हाथों में से मैच को खींच लिया। जो रूट ने इंग्लैंड को रन चेज में बनाए रखा और जीत दिलाई।
यशस्वी जायसवाल की फील्डिंग से कैसे पलटा मैच?
दरअसल यशस्वी जायसवाल ने दोनों पारियों में मिलाकर चार कैच छोड़े जो मैच के टर्निंग पॉइंट साबित हुए। पहली पारी में उन्होंने इंग्लैंड के तीन बल्लेबाजों को जीवनदान दिया। दूसरी पारी में जब टीम इंडिया को एक विकेट की सख्त जरूरत थी, तब उन्होंने फिर एक कैच टपका दिया। मोहम्मद सिराज की गेंद पर बेन डकेट ने जब शॉट खेला, तो गेंद सीधा जायसवाल के पास गई, लेकिन वो उसे पकड़ नहीं पाए। इसी मौके ने इंग्लैंड को संभलने का मौका दे दिया और भारतीय टीम का मनोबल गिर गया। वहीं दूसरी तरफ, जसप्रीत बुमराह और प्रसिद्ध कृष्णा ने कड़ी मेहनत की लेकिन फील्डिंग ने उनका साथ नहीं दिया। यहां तक कि ऋषभ पंत और खुद बुमराह ने भी एक-एक कैच छोड़ा। लेकिन जायसवाल की गलतियां भारी रहीं क्योंकि उन्होंने सबसे ज्यादा मौके गंवाए।
Yashasvi Jaiswal has done enough to be dropped from the team based on his fielding.He is the main culprit, you can’t drop 5 catches when your bowling is so pathetic. pic.twitter.com/tyKRPXq0Pr
— Sujeet Suman (@sujeetsuman1991) June 24, 2025
कैच छोड़ना कितना भारी पड़ा?
दरअसल क्रिकेट में यह कहा जाता है “कैच छोड़ो, मैच छोड़ो”, और हेडिंग्ले टेस्ट इसका साफ सबूत बन गया। इंग्लैंड ने दूसरी पारी में पहले विकेट के लिए 188 रन जोड़े, जिसमें आधे मौके भारतीय फील्डरों ने खुद गंवाए। अगर शुरुआती विकेट जल्दी गिर जाते, तो भारत को जीत का शानदार मौका मिल सकता था। बुमराह और सिराज की लाइन-लेंथ एक समय शानदार थी, लेकिन जब कैच नहीं पकड़े गए तो दबाव खत्म हो गया। हालांकि कुछ पॉजिटिव बातें भी रहीं जैसे कि शुभमन गिल का अर्धशतक, बुमराह की कसी हुई गेंदबाजी और विराट-रोहित के बिना बल्लेबाजी यूनिट का 800+ रन बनाना। लेकिन जायसवाल की लगातार गलतियों ने भारत को जितने का नहीं, बल्कि हार का चेहरा दिखाया।
वहीं सोशल मीडिया पर जायसवाल को लेकर काफी नाराजगी है। कई फैंस ने लिखा कि अगर ये कैच पकड़े गए होते, तो भारत आसानी से मैच जीत जाता। फील्डिंग जैसी बेसिक चीजें अगर टीम इंडिया को आज भी भारी पड़ रही हैं, तो आने वाले मैचों में और सतर्कता जरूरी है।
