अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से दुनियाभर की इंडस्ट्री घबराई हुई है। ट्रंप के टैरिफ से बचने के लिए दिग्गज टेक कंपनी एप्पल ने तय समय से पहले ही करीब 2 बिलियन डॉलर के आईफोन अमेरिका भेज दिए। इन सभी आईफोन की मैन्यूफैक्चरिंग भारत में हुई थी। एप्पल ने अमेरिका में अपने डिवाइस की किसी भी तरह की शॉर्टेज से बचने के लिए भी ये कदम उठाया है। भारत से अमेरिका भेजे गए इन सभी आईफोन का वजन करीब 600 टन था। एप्पल का ये कदम दिखाता है कि कंपनियों में किस कदर ट्रंप के टैरिफ का खौफ बना हुआ है।
फॉक्सकॉन ने अमेरिका भेजे 1.3 बिलियन डॉलर के आईफोन
ताईवान की इलेक्ट्रॉनिक कंपनी फॉक्सकॉन भारत में आईफोन बनाती है और भारत समेत दुनिया के कई देशों में सप्लाई करती है। फॉक्सकॉन ने इस साल मार्च में करीब 1.31 बिलियन डॉलर के आईफोन अमेरिका भेजे थे। फॉक्सकॉन द्वारा मार्च में भेजे गए आईफोन की संख्या, अभी तक किसी भी एक महीने में भेजे गए आईफोन की संख्या से काफी ज्यादा है। मार्च की इस शिपमेंट में एप्पल आईफोन 13, 14, 16 और 16e मॉडल शामिल थे। बताते चलें कि इस साल भारत ने अभी तक अमेरिका को कुल 5.3 बिलियन डॉलर का माल भेजा है।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के एक्सपोर्ट में भी आया जबरदस्त उछाल
फॉक्सकॉन के अलावा, भारत में आईफोन बनाने वाली टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने भी मार्च में 612 मिलियन डॉलर के आईफोन की सप्लाई की है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा की गई ये सप्लाई फरवरी की तुलना में करीब 63 प्रतिशत ज्यादा है। टाटा की इस शिपमेंट में आईफोन 15 और 16 मॉडल शामिल थे।
6 कार्गो जेट की मदद से अमेरिका के अलग-अलग स्टेट्स में भेजे गए आईफोन
फॉक्सकॉन ने चेन्नई के एयर कार्गो टर्मिनल से अमेरिका के लॉस एंजिल्स, न्यूयॉर्क और शिकागो समेत अलग-अलग स्टेट्स में आईफोन एक्सपोर्ट किया था। कंपनी ने चेन्नई के कस्टम विभाग के साथ बातचीत भी की, जिससे प्रोसेस में लगने वाला 30 घंटे का समय घटकर सिर्फ 6 घंटे हो गया था और उनका माल समय पर अमेरिका पहुंच जाए। आईफोन को जल्द से जल्द अमेरिका पहुंचाने के लिए फॉक्सकॉन ने 6 कार्गो जेट की मदद ली।
