सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यदि यह पाया गया कि उसके आदेश की अवमानना करते हुए ढांचों को ध्वस्त किया गया है तो उन्हें दोबारा बनाने का आदेश दिया जाएगा।
गुजरात के सोमनाथ मंदिर के पास हुए बुलडोजर ऐक्शन पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुस्लिम संगठन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि यदि यह पाया गया कि उसके आदेश की अवमानना करते हुए ढांचों को ध्वस्त किया गया है तो उन्हें दोबारा बनाने का आदेश दिया जाएगा।
जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसे यह आरोप लगाते हुए दायर किया गया है कि अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के 17 सितंबर के आदेश का उल्लंघन करते हुए संपत्तियों को तोड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने उस दिन बिना अनुमति संपत्तियों के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई थी। किसी अपराध के आरोपियों की संपत्तियों को तोड़ने से भी रोका गया था।
याचिकाकर्ता समस्त पाटनी मुस्लिम जमात की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने कहा कि सर्वोच्च अदालत के आदेश के बावजूद गुजरात में ढांचों को प्रशासन ने तोड़ा। गुजरात सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ढांचे समुद्र के किनारे थे और सोमनाथ मंदिर से 340 मीटर दूर थे। उन्होंने कहा, ‘लॉर्डशिप यह आपकी ओर से दिए गए अपवाद की श्रेणी में है।’

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