लुधियाना: सतलुज दरिया से मसाला कारोबारी का शव खोज कर देर रात लाते गोताखोर।पंजाब के लुधियाना में देर रात एक मसाला कारोबारी ने सतलुज दरिया में छलांग लगी दी। छलांग लगाते देख एक राहगीर ने थाना लाडोवाल थाने में सूचना दी। सूचना मिलते ही थाना लाडोवाल पुलिस ने गोताखोरों को मौके पर पहुंचने को कह दिया लेकिन लाडोवाल पुलिस खुद मौके पर नहीं पहुंची। सतलुज दरिया नजदीक हाईवे पर जा रहे लोगों की भीड़ दरिया पर एकत्र हो गई।लाडोवाल के न तो SHO घटना स्थल पर पहुंचे और न ही कोई सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंचा। सूचना मिलने के करीब 1 घंटे बाद जब पुलिस दरिया पर न पहुंची तो उस युवक ने थाना फिल्लोर की पुलित को सूचित किया। थाना फिल्लोर की पुलिस भी करीब आधा घंटे बाद जायजा लेने पहुंची।सतलुज दरिया में देर रात शव मिलने के बाद जांच करती पुलिस।देर रात करीब साढ़े 11.30 बजे व्यक्ति का शव सतलुज दरिया से करीब 300 मीटर दूर गोताखोरों की मदद खींच कर पुराने पुल तक लाया गया। मरने वाले की पहचान हैबोवाल सतीश सनेजा निवासी दुर्गा कालोनी के रूप में हुई। घटना पर मौजूद लोगों के मुताबिक सतीश ने सतलुज दरिया के पास देर शाम 7.30 बजे अपना एक्टिवा खड़ा किया। कुछ पल इधर-उधर देखने के पश्चात सतीश ने दरिया में छलांग लगा दी।पुलिस ने एक्टिवा का नंबर देख किसी तरह सतीश के रिश्तेदारों को सूचित किया जो मौके पर पहुंचे। करीब 4 घंटे की मुशक्कत के बाद सतलुज दरिया से सतीश का शव उलटे मूंह गिरा हुआ मिला।बच सकती थी सतीश की जान,हदबंदी में उलझी रही पुलिसबता दें जिन युवकों ने पुलिस को सूचना दी उन्होंने बताया कि जब सतीश ने दरिया में छलांग लगाई तो वह रास्ता से जा रहे थे। देखते ही देखते तुरंत उन्होंने पुलिस को सूचित किया। पुलिस हदबंदी की चक्कर में उलझी रही, जिस कारण आज एक व्यक्ति की मौत हो गई।अब यह कहना आसान नहीं कि जब व्यक्ति ने छलांग लगाई वह कितनी देर जिंदा रहा। उन्होंने सिर्फ इतना देखा कि व्यक्ति दरिया के बीच तड़प रहा था। इस दौरान दोनों थानों की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। यदि समय रहते पुलिस थानों की हदबंदी की जगह व्यक्ति की तालाश करने में जुट जाती तो शायद आज कारोबारी की जान बच सकती थी।सतलुज दरिया में टार्च की रौशनी करते थाना फिल्लौर के अधिकारी।4 घंटे अंधेरे में किया सर्चपुलिस की लापरवाही का नतीजा था कि दरिया में डूबे शव को काफी समय हो गया था। वहीं दरिया में अंधेरा इतना ज्यादा था कि गोताखोरों को अंधेरे में शव ढूंढने में करीब अढ़ाई से 3 घंटे लग गए। टार्च लाइट की रोशनी से दरिया में उतरे गोताखोरों की बहादुरी के कारण ही शव मिल पाया अन्यथा पुलिस ने तो हदबंदी के चक्कर में शव को ढूंढना ही मुनासिब नहीं समझा।किडनी रोग से ग्रस्त था मरने वालामरने वाले सतीश के रिश्तेदारों ने बताया कि वह किडनी रोग व कई अन्य बीमारियों से ग्रस्त थे। अंदेशा जताया जा रहा है कि सतीश ने बीमारियों से परेशान होकर दरिया में छलांग लगाई हो लेकिन पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद ही सामने आ पाएगा कि मरने वाला कितने घंटे पहले मरा और मरने का क्या कारण है।आटो में शव लाद कर ले जाते परिजन।शव को लेजाने के लिए पुलिस नहीं कर सकी गाड़ी का प्रबंधमसाला कारोबारी सतीश करीब 3 घंटे दरिया में बहता रहा। अब जब शव पुलिस को गोताखोरों की मदद से मिल गया तो पुलिस शव को ले जाने के लिए गाड़ी का प्रबंध तक नहीं कर सकी। आखिरकार गोताखोरों ने ही एक आटो की व्यवस्था करवाई और शव को आटो में लाद कर मृतक के परिजन उसे सिविल अस्पताल लेकर गए।गोताखोरों का कहना रोजाना हदबंदी को लेकर होता विवादसतलुज दरिया में आए दिन कोई न कोई व्यक्ति छलांग लगा देता है या तैरते हुए डूब जाते है तो पुलिस डूबे हुए व्यक्ति की तालाश करने की बजाए हदबंदी में ही उलझी रहती। हदबंदी में उलझने के कारण लोगों की जान बच नहीं पाती। गोताखोरों ने बताया कि सतीश का शव उन्हें लाडोवाल थाना की हदबंदी में मिला है।लाडोवाल SHO ने नहीं उठाया फोनव्यक्ति का शव मिलने से पहले पत्रकारों ने भी SHO लाडोवाल को फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस दौरान जो थाना फिल्लौर से अधिकारी बलजीत सिंह मौके पर पहुंचे तो उन्होंने भी बताया कि फिलहाल शव उन्होंने कब्जे में ले लिया है बाकी सीनियर अधिकारी ही बता सकते कि शव किस हदबंदी का है। अब हदबंदी के मामले में कमिश्नर क्या कार्रवाई करते है ये बड़ा सवाल है।

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