दिल्ली, अमृतसर, कटड़ा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट को लेकर माझा में भूमि अधिग्रहण का मामला उलझा, जालंधर में केवल 88% जमीन एक्वायर हो पाई
अमृतसर: दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट को लेकर माझा में भूमि अधिग्रहण का मामला उलझा हुआ है। जमीन के रेट को लेकर किसानों और प्रशासन के बीच सहमति नहीं बन पाने से गुरदासपुर और तरनतारन सबसे पीछे चल रहे हैं। गुरदासपुर में सिर्फ 4 फीसदी, तरनतारन में 9 फीसदी जमीन ही कब्जे में लेकर नेशनल हाईवे अथाॅरिटी ऑफ इंडिया के हवाले की जा सकी है।जुलाई मध्य तक सबसे ज्यादा 88 फीसदी जमीन जालंधर, 83 फीसदी संगरूर और 81 फीसदी जमीन मलेरकोटला से कब्जे में लेकर एनएचआईए को सौंपी जा चुकी है। इस प्रोजेक्ट पर 47 हजार करोड़ खर्च किए जाने हैं।इस साल जुलाई मध्य तक 2497 हेक्टेयर जमीन का कब्जा लियारेट का पेंच फंसने से सबसे कम गुरदासपुर में 4 फीसद, तरनतारन में 9 फीसद ही जमीन नेशनल हाईवे के हवाले हो सकीजुलाई के 13 दिनों में 465 हेक्टेयर जमीन का कब्जा मिलाप्रोजेक्ट के तहत जुलाई के 13 दिनों में ही प्रशासन की ओर से भूमि अधिग्रहण के तहत 465 हेक्टेयर जमीन का कब्जा लेकर एनएचआईए को सौंपा जा चुका है। इस साल की पहली तिमाही जनवरी से 31 मार्च तक 220 हेक्टेयर जमीन एक्वायर की गई थी। दूसरी तिमाही में 1 अप्रैल से जून तक 1777 हेक्टेयर जमीन का कब्जा लिया गया था। वहीं पिछले साल दिसंबर तक सिर्फ 35 हेक्टेयर जमीन का ही कब्जा लिया जा सका था। इस साल जुलाई मध्य तक 2497 हेक्टेयर जमीन का कब्जा लिया जा चुका है।35 की हेक्टेयर जमीन का कब्जा लिया जा सका था दिसंबर 2021 तक15 सितंबर तक प्रोजेक्ट का काम शुरू होगातरनतारन और गुरदासपुर में जमीन के रेट के इश्यू को लेकर प्रोजेक्ट जरूरत के मुताबिक जमीन का कब्जा बहुत कम मिल पाया है। वहीं अब जमीन के मालिक आर्बिट्रेटर के पास जा रहे हैं। यह जल्द क्लीयर हो जाएगा और 15 सितंबर से प्रोजेक्ट का काम शुरू कर दिया जाएगा।

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