हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की तरह उनकी सरकार ने भी ‘दुकानों पर पहचान’ सार्वजनिक करने का फैसला किया है। विक्रमादित्य के इस फरमान के बाद कांग्रेस पार्टी में ही घमासान मच लगया है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की तरह उनकी सरकार ने भी ‘दुकानों पर पहचान’ सार्वजनिक करने का फैसला किया है। विक्रमादित्य के इस फरमान के बाद कांग्रेस पार्टी में ही घमासान मच लगया है। कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने इस पर आपत्ति जाहिर की है। हालांकि, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। विक्रमादित्य सिंह ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन अपने रुख को दोहराया और कहा कि यह आंतरिक सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। उधर, भाजपा ने विक्रमादित्य के फैसले को सही करार दिया है।
अपने फैसले पर विवाद के बीच विक्रमादित्य सिंह ने अपनी बात को दोहराया और इसके पीछे वजह भी बताने की कोशिश की। हालांकि, एक दिन पहले अपने बयान में यूपी के फैसले का जिक्र करने वाले विक्रमादित्य सिंह ने अब कहा है कि इसका यूपी या योगी से कोई लेना देना नहीं है। एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘बाहर के राज्य के लोगों का हिमाचल में स्वागत है। हिमाचल देश का हिस्सा है। कोई भी काम के लिए आ सकता है। लेकिन प्रदेश की आतंरिक सुरक्षा बनाए रखा, क्योंकि इससे प्रदेश में ड्रग्स का विस्तार हो रहा है, उसे ठीक रखना है, कानून व्यवस्था को ठीक रखना है। हाईजीन को ध्यान में रखना है। हाई कोर्ट ने भी चिंता जाहिर की है। इसलिए हमने बैठक में फैसला लिया है कि सबको पहचान बतानी होगी, भले ही कोई हिमाचल का हो या बाहर का। यह हिमाचल की सुरक्षा और लोगों की चिंता से जुड़ा है।’
यूपी वाला आदेश नहीं: राजीव शुक्ला
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और हिमाचल के प्रभारी राजीव शुक्ला ने यह कहकर विवाद को ठंडा करने की कोशिश की कि विक्रमादित्य ने यूपी की तर्ज पर कोई फैसला नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य की बात को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। शुक्ला ने कहा, ‘यूपी के तर्ज पर कोई आदेश नहीं जारी किया गया है। विक्रमादित्य ने कहा है कि वैध दुकानदार और पटरी वाली ही बैठ सकें। हिमाचल विधानसभा ने एक कमिटी बिठाई है, उसमें सभी दलों के लोग हैं। कैसे रेहड़ी-पटरी वालों को बैठाया जाए, स्थान दिया जाए और नियमित किया जाए, इसके लिए लाइसेंस दिया जाएगा। यूपी से तुलना का मतलब ही नहीं। कोई ऐसा नहीं है कि फोटो लगाना होगा, दिखाया जाएगा कि यह फलां की दुकान है। गलत रूप दिया जा रहा है ऐसा कोई हिमाचल सरकार का आदेश नहीं है।’
टीएस सिंह देव भी भड़के
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, ‘ हिमाचल सरकार के फैसले से मैं सहमत नहीं हूं। मैंने देखा कि सोशल मीडिया में एक वीडियो आया था छोटा कि अल्पसंख्यकों की दुकानों पर क्रॉस लगा रहे हैं कि इनका हमें बहिष्कार करना है, यह निंदनीय है। हिमाचल की सरकार अगर ऐसा कर रही है तो वह सरकार में रहने लायक है या नहीं उस पर प्रश्न लगेगा।’
भाजपा ने बताया सही
भाजपा ने विक्रमादित्य सिंह की बात को सही ठहराया। राज्य के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा, ‘हमने शुरुआत की थी कि रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन होना चाहिए। उसी की चर्चा आज विक्रमादित्य कर रहे हैं। तब कांग्रेस के कई लोग हमारा मजाक उड़ा रहे थे। आज वह भी कह रहे हैं कि दुकान पर पहचान रहनी चाहिए। बात तो ठीक कही है लेकि पता नहीं कब तक टिके रहेंगे। इसी तरह की बात अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में कही थी लेकिन अगले दिन उनकी टांगें लड़खड़ा गईं। ऊपर से आदेश हो गया कि इनको मंत्रीमंडल से निकालो तब वे पलट गए।’

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