इंदौर: अपराधियों की एक गलती से इंदौर, भोपाल सहित कई शहरों में वारदात करने वाले दो अंतरराज्यीय गिरोह इंदौर पुलिस ने तेलंगाना से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने वारदात से पहले एक फर्जी सिम खरीदी और उसे चेक करने के लिए मेरठ में बैठे अपने एक साथी को फोन लगा दिया। आरोपी ने उस फर्जी सिम से पहले एक फास्ट टैग पर आईडी बनाया। इसके बाद मेरठ से होते हुए भोपाल और फिर इंदौर आकर वारदात की।पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी कुछ समय पहले दुबई में कारोबार करते थे। नुकसान होने पर वे भारत आ गए। यहां बरेली के रहने वाले एक आरोपी से मिले और चोरी करना शुरू किया।थाना प्रभारी अजय वर्मा ने बताया कि शहर के एमआर 9 पर सांई संपदा में एक नमकीन कारोबारी के फ्लेट में 22 मई को अज्ञात बदमाशों द्वारा चोरी के मामले में भी इन आरोपियों की तलाश थी।आरोपी के पास से हथियार हुए जब्तकृषि उपकरण की ट्रेडिंग करते थे दुबई में, भारत आकर बने चोरतेलंगाना में पकड़ाए दोनों आरोपी मोहम्मद शरीफ पिता शबीर निवासी गाजियाबाद व मोहम्मद नसीम पिता रहमुद्दीन निवासी भजनपुरा दिल्ली ने पुलिस को बताया कि 2016-17 में दोनों दुबई में रह कर फार्मिंग एक्वीपमेंट (थ्रेशर मशीन, कटिंग मशीन) की ट्रेडिंग करते थे। नुकसान होने के कारण बिजनेस बंद कर दिया। भारत आकर उत्तर प्रदेश में बरेली के रहने वाले वसीम से मिलकर उन्हें अपनी परेशानी भी बताई। वसीम ने शरीफ और नसीम को अपनी गैंग में शामिल कर लिया। जिसके बाद तीनों ने वारदातें करना शुरू कर दी।औजार और वॉकीटॉकी भी पकड़ाएवारदात से पहले किराये पर लेते थे गाड़ीयह गैंग वारदात करने से पहले गाड़ी को किराये से लेती थी। जिसके बाद जिस रूट पर इन्हें जाना होता था उसे रूट पर किसी भी गाड़ी की नम्बर प्लेट का फोटो लेकर उसकी नकली आरसी बुक और पीयूसी कार्ड बनवा लेते थे। किसी भी टोल पर रुक कर फर्जी सिम के आधार पर एक फास्ट टैग बनवा लेते थे। यदि किराये की गाड़ी पर पहले से फ़ास्ट टैग लगा होता था तो उस पर रेडियम चिपका देते थे। जिससे से गाड़ी मालिक के नम्बर पर टोल कटने का कोई मैसेज नहीं जाए।मोबाइल बंद कर वॉकी टॉकी से करते थे रैकीपुलिस ने बताया कि पकड़ाए गया आरोपी नसीम सिर्फ 12 वीं पास है लेकिन वह इंग्लिश, तेलुगु, उर्दू, हिंदी बोल लेता है। किसी भी जगह चोरी करने से पहले नसीम उस मल्टी में जाकर रैकी करता है। जिसके बाद अपने अन्य दो साथी शरीफ और वसीम को बुलाता है। ये तीनों घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो जाते थे। आरोपी रैकी करते समय पाने मोबाइल बंद कर लेते थे और वॉकीटॉकी का इस्तेमाल करते थे।

Comments are closed.