22 साल के डेवाल्ड ब्रेविस को क्रिकेट में ‘जूनियर एबी डिविलियर्स’ कहा जाता है। IPL 2025 में जब उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स में मिड-सीजन एंट्री मिली, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि कुछ ही हफ्तों बाद वे टेस्ट टीम का हिस्सा बनेंगे। चेन्नई के लिए उनका आक्रामक और आत्मविश्वासी खेल दिखाता है कि क्यों उन्हें अब टेस्ट क्रिकेट का भी मौका दिया गया है। धोनी के मार्गदर्शन में उन्होंने अपनी सोच और तकनीक दोनों पर काम किया, जिसका नतीजा अब सामने है।
दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड ने ब्रेविस को जिंबाब्वे के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम में चुना है। यह सीरीज 28 जून से 10 जुलाई के बीच खेली जाएगी। हालांकि, यह वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का हिस्सा नहीं है, इसलिए इससे अंक तालिका पर कोई असर नहीं पड़ेगा। फिर भी, इस सीरीज को ब्रेविस जैसे युवा खिलाड़ियों को आजमाने का बड़ा मौका माना जा रहा है।
धोनी की टीम ने जताया था भरोसा
दरअसल ब्रेविस के साथ कुल पांच अनकैप्ड खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया गया है, जिसमें लेसेगो सेनोकवाने, कोडी यूसुफ और प्रेनेलन सुब्रायेन जैसे नाम शामिल हैं। इससे साफ है कि साउथ अफ्रीका अब टेस्ट क्रिकेट में भी अपने युवा खिलाड़ियों को मौके देने के मूड में है। जब आईपीएल 2025 में ब्रेविस अनसोल्ड रह गए थे, तब बहुत से क्रिकेट के दिग्गज हैरान थे। लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स ने मिड सीजन में उन्हें टीम से जोड़ा और कप्तान धोनी ने उन पर भरोसा जताया था।
एक बार फिर खुद को साबित करने का मौका
वहीं धोनी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए बड़ा मौका होता है, और ब्रेविस ने इस मौके को दोनों हाथों से लपक लिया है। धोनी की कप्तानी में खेलने से ब्रेविस के आत्मविश्वास में जबरदस्त इजाफा हुआ। उन्होंने चेन्नई के लिए कुछ अहम पारियां खेलीं, जिससे उन्हें फिर से इंटरनेशनल रडार पर ला दिया। बता दें कि इससे पहले उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए टीम में बुलाया गया था, लेकिन तब उन्हें डेब्यू का मौका नहीं मिला था। इस बार उनके पास खुद को साबित करने का बेहतरीन मौका है।
